भोपाल, जनवरी 2015/ श्रम मंत्री अंतर सिंह आर्य की अध्यक्षता में मध्यप्रदेश राज्य सलाहकार ठेका श्रम परिषद की बैठक हुई। ठेका श्रमिकों को समान वेतन-समान कार्य, सुरक्षा, नियमितीकरण, उद्योगों में ठेका और नियमित श्रमिक के अनुपात, उद्योगों और श्रमिकों के लाभ में संतुलन आदि के पहले चरण में पाँच उद्योग- टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, इंजीनियरिंग, पाँच विद्युत कम्पनी, फॉर्मास्युटिकल्स और बिस्किट एवं कन्फेक्शनरी को शामिल करने का निर्णय लिया गया।
श्रम मंत्री ने कहा कि श्रमिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, न्यूनतम मजदूरी के संबंध में समिति द्वारा दिये गये सुझावों को शीघ्र ही शासन-स्तर पर प्रस्तुत कर निर्णय लिये जायेंगे। बैठक में कारखानों में ठेका श्रमिक के रूप में कार्य कर रहे श्रमिकों के नियमितीकरण में ट्रेड अनुसार ठेका श्रमिक चिन्हित करने, कारखानों की मूल गतिविधियों में ठेका श्रमिकों की भागीदारी, सतत प्रक्रिया वाले कारखानों में ठेका मजदूरों की भूमिका, कारखानों में समान काम के लिये समान वेतन की जानकारी के निर्देश जारी करने आदि पर चर्चा की गई। कहा गया कि ठेकेदार जिस विशिष्ट कार्य अथवा व्यवसाय में ठेका श्रमिकों को नियोजित करने के लिये लायसेंस लें, उसी में नियोजित करें।
बैठक में प्रमुख सचिव श्रम मुक्तेश वार्ष्णेय, श्रमायुक्त के.सी. गुप्ता, ट्रेड यूनियन पदाधिकारी सर्वश्री सुलतान सिंह शेखावत, आर.डी. त्रिपाठी, कृष्ण मोदी, रामविलास गोस्वामी, कारखाना प्रबंधक, ठेकेदार ने भाग लिया।