भोपाल, मई 2015/ गृह एवं जेल मंत्री बाबूलाल गौर ने कहा कि केन्द्रीय जेल भोपाल में बंदियों के आचरण में सुधार करने के साथ उन्हें विभिन्न विधा में कुशल शिल्पी भी बनाया जा रहा है। इससे केन्द्रीय जेल सुधार-गृह और निर्माण केन्द्र का आकार ले रहा है। बंदियों को कुशल शिल्पी बनाने के साथ विभिन्न उत्पादों के व्यावसायिक उत्पादन से सुधार और निर्माण केन्द्र विकसित करने की पहल सराहनीय है। श्री गौर केन्द्रीय जेल की व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर रहे थे। डी.जी. जेल व्ही.के. सिंह साथ थे।

श्री गौर ने बंदियों की रसोई व्यवस्था को देखा और रसोई-घर में साफ-सफाई और रोटी-सब्जी की गुणवत्ता परखने स्वयं भोजन भी किया। श्री गौर ने जेल परिसर में विकसित बगीचे के पौधों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। बताया गया कि विभिन्न प्रकार के पौधों को बडिंग कर बंदियों द्वारा जेल में ही तैयार किया गया है। जेल में गमलों का निर्माण बंदियों द्वारा किया जाता है। इनका उपयोग जेल में करने के साथ अन्य संस्थाओं को भी उनकी माँग पर उपलब्ध करवाये जाते हैं। इसी प्रकार पेवल्स भी बंदियों द्वारा बनाये जा रहे हैं।

श्री गौर ने फेब्रिकेशन, वस्त्र बुनाई, कारपेंटर वर्कशॉप और इनमें तैयार की जा रही सामग्री का निरीक्षण किया। डी.जी. जेल ने बताया कि कूलर, लकड़ी के सोफा, टेबिल-कुर्सी, दरी, चादर आदि अनेक वस्तुओं का निर्माण केन्द्रीय जेल में हो रहा है। बंदियों को विभिन्न शिल्प का प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वो हुनरमंद बनें। उन्हें इसका पारिश्रमिक भुगतान भी किया जाता है। विभिन्न संस्थाओं की माँग पर उत्पादित सामग्री का विक्रय होता है। जेल अधीक्षक श्री एम.आर. पटेल ने बंदियों के जन-धन योजना के बेंक खातों और सभी के आधार-कार्ड बनवाने की जानकारी दी। श्री गौर ने व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि इसे कारागार के साथ सुधार गृह का आकार देना अच्छी पहल है।

जेलों में 21 जून को योग दिवस

श्री गौर ने कहा कि प्रदेश की सभी जेल में 21 जून, 2015 को योग दिवस मनाया जायेगा। श्री गौर ने डी.जी. जेल व्ही.के. सिंह को इस संबंध में जरूरी निर्देश जारी करने को कहा है। श्री गौर ने कहा कि योग से शरीर और मन को ऊर्जा मिलती है। व्यक्ति स्वस्थ और सदाचारी बनता है।

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