भोपाल, फरवरी 2016/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जेलों की सुदृढ़ता पर विशेष ध्यान देने के लिये कहा है। प्रमुख जेलों में जेमर लगाने को कहा जिससे कैदियों द्वारा मोबाइल फोन का उपयोग नहीं किया जा सके। जेमर लगाने की शुरूआत भोपाल जेल से होगी। जेलों में सुधारात्मक कार्यों को बढ़ावा देने के निर्देश भी दिये हैं। मुख्यमंत्री चौहान जेल विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।

समीक्षा में गृह एवं जेल मंत्री बाबूलाल गौर, मुख्य सचिव अंटोनी डिसा, अपर मुख्य सचिव पी.सी. मीणा, प्रमुख सचिव वित्त आशीष उपाध्याय, जेल महानिदेशक वी.के. सिंह एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जेलों को और सुदृढ़ बनाया जाये। इससे खतरनाक कैदियों के भागने की गुंजाइश नहीं रहे। साथ ही उन पर सख्त निगरानी रखें। जेलों में शिक्षा और कौशल उन्नयन जैसे सुधारात्मक कार्यों को बढ़ावा दिया जाये। इससे बंदी रिहा होने पर समाज की मुख्य-धारा से जुड़ सकेंगे। मुख्यमंत्री ने प्रोबेशन एक्ट में जरूरी संशोधन की भी सहमति दी।

बताया गया कि बंदियों द्वारा जेलों में विभिन्न प्रकार की सामग्री बनायी जा रही है। इस सामान की ‘कान्हा ब्राण्ड’ के नाम से बाजार में भी बिक्री होगी। जानकारी दी गयी कि होशंगाबाद में खुली जेल में 25 कैदी सपरिवार निवास कर रहे हैं। वे प्रतिदिन काम-धंधे के लिये बाहर जाते हैं और शाम को वापस आ जाते हैं। इसी तरह की खुली जेल सतना में निर्माणाधीन है। बताया गया कि इस वर्ष 5340 बंदी को पैरोल दी गई है। कुल 10 हजार 367 बंदियों को शिक्षित किया गया है। इनमें साक्षर, स्नातक, स्नातकोत्तर और एम.बी.ए. शामिल हैं।

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