भोपाल, नवंबर 2012/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद् की बैठक में शासकीय कर्मचारियों के हित में एक बड़ा कदम उठाते हुए यह निर्णय लिया गया कि अब वे सामान्य भविष्य निधि से वर्ष के दौरान अधिकतम जमा राशि का 75 प्रतिशत आहरण कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें कोई कारण बताने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही यह अधिकार विभागाध्यक्ष-स्तर और इससे निचले स्तर पर प्रत्यायोजित करने का निर्णय लिया गया। इससे राशि का आहरण समय पर बिना विलम्ब के हो सकेगा।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में सामान्य भविष्य निधि खाते से आहरण के संबंध में नियम 16 में विशेष कारणों से संबंधित प्रकरणों में आहरण स्वीकृति के अधिकार उच्च स्तर पर होने के कारण सामान्य भविष्य निधि से आंशिक अंतिम विकर्षण स्वीकृत करने में काफी विलम्ब होता है। इससे जिन कारणों से संबंधित राशि आहरित की जाती है उसकी उपयोगिता समय पर सुनिश्चित नहीं हो पाती।
मंत्रि-परिषद् ने निर्माण और विकास कार्यों में गति लाने के उद्देश्य से वित्तीय अधिकारों के प्रत्यायोजन का पुननिरीक्षण करने का निर्णय लिया। इसका उद्देश्य सुशासन और त्वरित निर्णय लेने की दृष्टि से अधिकारों का विकेन्द्रीकरण करना है। निर्णय के अनुसार वर्तमान वित्तीय अधिकारों से ऐसी मदों को हटाया जाएगा जो प्रासंगिक नहीं रह गई हैं। कार्यक्रम और गतिविधियों में हुए विस्तार के परिप्रेक्ष्य में नवीन मदों को शामिल किया जाएगा। वर्तमान वित्तीय अधिकारों की अस्पष्ट मदों को सुस्पष्ट किया जाएगा। प्रत्यायोजन को अधिक सहज (फ्रेंडली) रखा जाएगा।