भोपाल, अगस्त 2014/ वित्त मंत्री जयंत मलैया ने दिल्ली में कहा कि केन्द्रीय कर प्रणाली में सुधार के प्रति मध्यप्रदेश का रुख सकारात्मक है। मध्यप्रदेश शासन केन्द्रीय सेवा कर (सीएसटी) के स्थान पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने का पूर्ण समर्थन करता है। उन्होंने आगे कहा कि देश की मौजूदा सरकार जीएसटी कर प्रणाली को राज्यों की सहमति अर्जित कर लागू करने की दिशा में सकारात्मक प्रक्रिया अपना रही है। केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली के निर्देश पर जीएसटी की पूर्व प्रस्तावित रूपरेखा में सुधारात्मक परिवर्तन कर संशोधित प्रारूप सामने लाया गया है। इस दिशा में जम्मू-कश्मीर राज्य के वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली विशेष समिति 20 अगस्त को होने वाली बैठक में मन्त्रणा करेगी। साथ ही इस दिशा में होने वाली सतत बैठकों में जीएसटी कार्य-प्रणाली के प्रभावी अमल की प्रक्रियाएँ भी निर्धारित हो सकेंगी।
पूर्व में मध्यप्रदेश द्वारा इस सम्बन्ध में की जाने वाली आपत्तियों के बारे में श्री जयंत मलैया ने बताया कि राज्यों को 32 प्रतिशत राशि मिलती थी। यूपीए द्वारा इस प्रणाली को लागू करने के साथ राज्यों को राजस्व में होने वाली कमी की प्रतिपूर्ति के निरन्तर आश्वासनों के बावजूद मध्यप्रदेश राज्य को 465 करोड़ रुपये अब तक अप्राप्त हैं। वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि अकेले मध्यप्रदेश ही नहीं अपितु गुजरात एवं अन्य राज्यों का भी एक ही मत रहा है। मौजूदा केन्द्र सरकार राज्यों के हितों को ध्यान में रखते हुए जीएसटी कर प्रणाली का युक्तियुक्तकरण कर रही है, जो सराहनीय है।