श्रीनगर, जनवरी 2016/ तीन दिन की ऊहापोह के बाद जम्मू-कश्मीर में आखिरकार राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद सत्तारूढ़ दल पीडीपी ने उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती को नया नेता चुन लिया था लेकिन अंतिम संस्कार और उसके बाद की रस्मों के पूरा होने तक महबूबा ने शपथ लेने से इनकार कर दिया था। इस बीच सत्ता में भागीदार भारतीय जनता पार्टी ने भी महबूबा के नाम पर सहमति दे दी थी। लेकिन महबूबा के शपथ लेने से इनकार करने के बाद जम्मू कश्मीर में संवैधानिक संकट की स्थिति बन गई थी। राज्यपाल ने महबूबा से इस बारे में संपर्क भी किया था। लेकिन फिलहाल कोई हल निकलता न देख आखिरकार वहां राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया। जम्मू कश्मीर का अलग संविधान होने के कारण वहां सीधे राष्ट्रपति शासन लागू नहीं किया जा सकता। पहले छह माह के लिए वहां राज्यपाल शासन लागू होता है और उसके बाद भी यदि स्थितियां नहीं बदलतीं तो फिर वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है।