भोपाल, फरवरी 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद में प्रस्तुत केन्द्रीय बजट 2015-16 को संतुलित, विकास, जनोन्मुखी और राज्यों को मजबूत बनाने वाला बजट कहा है।

श्री चौहान ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि राज्यों का अंश 32 से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने से अब राज्यों को अनटाइड फण्ड अधिक मिलेगा। अभी तक राज्यों पर केन्द्र प्रवर्तित योजनाएँ थोप दी जाती थी और उनके अंशदान में ही राज्यों की राशि व्यय हो जाती थी। आजादी के बाद पहली बार राज्यों को स्वायत्तता दी गई है। केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं का भार कम होगा। राज्य को अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर व्यय करने की सुविधा मिलेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री की जिस टीम की बात की थी, बजट उसी भावना का परिणाम है। यह उनकी सोच ‘सबका साथ, सबका विकास’ को पूरा करने का प्रयास है। आजादी के बाद यह सबसे अच्छा, प्रगतिशील, पाथब्रेकिंग बजट है जो तेजी से विकास की कक्षा में भारत को स्थापित करेगा। यह रोजगार सृजन करने वाला, गरीब के कल्याण और आर्थिक विकास का बजट है।

काला धन समाप्त करने के लिये पहली बार गंभीर प्रयास हुए हैं। पेंशनरों और बुजुर्गों तथा किसानों और युवाओं पर ध्यान दिया गया है। बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ जैसी योजना, निर्भया फण्ड को 1000 करोड़ का करना नवाचारी पीढ़ी बनाने का प्रयास है। सभी क्षेत्रों विशेषकर अधोसंरचना निर्माण का विशेष ध्यान रखा गया है। इससे देश की अर्थ-व्यवस्था एवं विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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