मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जनजातियों के जीवन में सुख-समृद्धि लाने के लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उनके
सर्वांगीण विकास लिये व्यापक कदम उठाये गये हैं। श्री चौहान आज यहाँ वनवासी कल्याण परिषद द्वारा तैयार भारत की जनजातियों हेतु
एक नीति दृष्टि पत्र का लोकार्पण कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जो विकास की दौड़ में पीछे रह गये हैं उन्हें आगे लाने की दिशा में राज्य सरकार तत्परता से कार्य कर
रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों के समग्र विकास और कल्याण के ठोस कदम उठाये गये हैं। उन्हें सस्ता खाद्यान्न
उपलब्ध करवाया जा रहा है। बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिये छात्रावास, कोचिंग एवं विदेश अध्ययन में फीस की व्यवस्था राज्य शासन
द्वारा की जा रही है।
श्री चौहान ने कहा कि पात्र वनवासियों को वनाधिकार-पत्र देने का कार्य जारी है। अभी तक 2 लाख से ज्यादा वनाधिकार पत्र दिये जा चुके
हैं। इसके साथ ही कानून बनाकर आवासीय पट्टे भी दिये जाने का अभियान चलाया जा रहा है। जनजातीय युवाओं को उद्योग-धंधे स्थापित
करने में पूरी मदद दी जाती है। जनजातियों द्वारा संग्रहीत किये जाने वाले लघु वनोपज का वाज़िब दाम दिलाने के लिये उनका न्यूनतम
समर्थन मूल्य घोषित किया गया है।
इस अवसर पर श्री सदाशिवराव कोकजे, श्री राधेश्याम शर्मा, श्री गिरीश आदि पदाधिकारी और बड़ी संख्या में गणमान्यजन मौजूद थे।