भोपाल, फरवरी 2015/ जनगणना कार्य निदेशालय मध्यप्रदेश के तत्वावधान में जनगणना आंकड़ों के प्रसार और उनके उपयोग पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन प्रशासन अकादमी में किया गया। कार्यशाला का उदघाटन आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय के संचालक डॉ0 राजेन्द्र मिश्र ने किया। इस अवसर पर जनगणना कार्य निदेशालय मध्यप्रदेश के निदेशक सचिन सिन्हा और यूनिसेफ के प्रदेश प्रतिनिधि ट्रेवाल क्लार्क उपस्थित थे।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ0 राजेन्द्र मिश्र ने कहा कि भारत में प्राचीन काल से ही जनकल्याणकारी योजनाएं बनाने में आंकड़ों का प्रयोग होता रहा है। योजनाओं को बनाने के लिए आंकड़ों की शुद्धता बहुत जरूरी है। उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर तक योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए शुद्ध आंकड़े उपलब्ध कराने पर विशेष बल दिया।

इस अवसर पर जनगणना कार्य निदेशालय मध्यप्रदेश के निदेशक और संयुक्त सचिव सचिन सिन्हा ने कहा कि वर्ष 2011 में सम्पन्न हुई जनगणना से प्राप्त आंकड़े कल्याणकारी नीतियां बनाने के लिए बहुत उपयोगी हैं। इनसे प्राप्त आंकड़ों का सही विश्लेषण कर किसी भी क्षेत्र में हुई प्रगति का पता लगाया जा सकता है और जहां कुछ कमियां हैं ऐसे क्षेत्रों के लिए विशेष नीतियां बनाई जा सकती है। पिछले दस वर्षों में मध्यप्रदेश में नगरीय क्षेत्रों में लिंगानुपात में अधिक सुधार देखने में अया है। वर्ष 2011 में प्राप्त आंकड़ो के अनुसार देश में यह अनुपात 943 था और मध्यप्रदेश में यह बढकर 931 हो गया।

यूनिसेफ के मध्यप्रदेश प्रतिनिधि ट्रेवाल क्लार्क ने जनगणना कार्य को बेहद श्रमसाध्य बताते हुए कहा कि इन आंकड़ों का प्रभावी विश्लेषण कर उनके आधार पर नीतियों में बदलाव किया जा सकता है। दो सत्र में चली इस कार्यशाला में जनगणना से जुड़े विभिन्न विषयों पर पावरप्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारियां दी गई।

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