भोपाल, दिसंबर 2012/ प्रदेश में गरीब आवासहीन ग्रामीणों को आवास मुहैया करवाने के अभियान में अब सहकारी बैंक भी भागीदारी के लिये आगे आये हैं। राज्य के ग्रामीण अंचलों में बड़ी संख्या में सहकारी बैंक हैं, इनकी मदद से आवास समस्या के समाधान में मदद मिलेगी। इसी सिलसिले में आज मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन और जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित विदिशा के मध्य आपसी करार हुआ। पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा सामाजिक न्याय मंत्री श्री गोपाल भार्गव की मौजूदगी में हुए इस करार के मौके पर जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक विदिशा के अध्यक्ष श्री बाबूलाल ताम्रकार और अपर मुख्य सचिव श्रीमती अरुणा शर्मा भी मौजूद थीं।

ग्रामीण विकास मंत्री के मंत्रालय स्थित कक्ष में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के मुख्य महाप्रबंधक श्री आर.के. गोंटिया और जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक विदिशा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनय प्रकाश सिंह ने आपसी करारनामे पर हस्ताक्षर किये। मिशन की आवास योजना के संबंध में सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया, बैंक ऑफ इण्डिया, भारतीय स्टेट बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक छिन्दवाड़ा, नर्मदा-झाबुआ ग्रामीण बैंक इंदौर, मध्यांचल ग्रामीण बैंक, सिंडीकेट बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के मध्य आपसी करारनामे सम्पन्न हो चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के जरिये आवासहीन गरीब ग्रामीणों को मकान बनाने के लिये 70 हजार की ऋण और अनुदान सहायता दी जा रही है। इसमें 30 हजार राज्य अनुदान तथा 30 हजार रुपये का बैंक ऋण शामिल है। हितग्राही को अपनी ओर से मात्र 10 हजार रुपये का अंश-दान देना होता है। प्रदेश में ग्रामीण आवास मिशन द्वारा अब तक विभिन्न बैंकों को 2 लाख 71 हजार 584 प्रकरण भेजे गये हैं। इनमें से बैंकों द्वारा एक लाख 1,221 प्रकरण को मंजूरी दे दी गई है और 51 हजार 577 प्रकरण में ऋण भी वितरित हो चुके हैं। अनेक हितग्राहियों ने आवासीय ऋण की वापसी भी शुरू कर दी है, जो इस योजना के फायदों और लोकप्रियता को दर्शाता है।

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