शाजापुर, दिसंबर 2012/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विश्व के अनूठे गौ-अभयारण्य को गौ तीर्थ बनाया जाएगा। अभयारण्य में गौ-उत्पाद अनुसंधान केन्द्र स्थापित करने की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि नलखेड़ा में माँ बगुलामुखी मंदिर, सोयत में पिपल्या बालाजी मंदिर, आगर में बैजनाथ महादेव मंदिर और गौ-अभयारण्य को जोड़कर धार्मिक पर्यटन सर्किट विकसित किया जाएगा।
श्री चौहान शाजापुर जिले के ग्राम सालरिया में देश के पहले गौ-अभयारण्य के भूमि-पूजन समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संरसंघचालक मोहन भागवत भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ माता के बिना भारत की कृषि-आधारित अर्थ-व्यवस्था नहीं चल सकती। गौ-माता संस्कारवान भारतीय नागरिकों की आस्था और विश्वास का प्रतीक है। विश्व के इस अनूठे गौ-अभयारण्य में गौ-उत्पादों का निर्माण किया जाएगा। गौ-वंश के संरक्षण के लिये राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि अब गौ-माता के वध के लिये जो भी वाहन उपयोग में आएगा उसे जब्त कर लिया जायेगा और जिम्मेदार लोगों को सात साल की सजा होगी। भारतीय नस्ल की गायों का संरक्षण किया जाएगा। राज्य सरकार की ऐसी योजनाओं की चर्चा की, जो भारतीय संस्कृति और संस्कारों पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत विश्व विद्यालय, हिन्दी विश्व विद्यालय की स्थापना, मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना, धर्म ग्रंथों पर आधारित शिक्षा के लिये स्कूली शिक्षा का कार्यक्रम तैयार करने, योग और श्रीमद् भागवत गीता की शिक्षा देने का उल्लेख किया। धार्मिक स्थानों को पवित्र-स्थल घोषित किया गया है और उन्हें विकसित भी किया जा रहा है।
अब प्रदेश में कहीं भी शराब की दुकान नहीं खुलने दी जाएगी। लोग और गौ पालक बूढ़ी गायों को बेचने के बजाय गो शाला में पहुंचाएं। गौ-अभयारण्य बनने के बाद यह और भी आसान हो जाएगा। अभयारण्य में उनकी देखभाल होगी। उन्होंने उपस्थित जन समुदाय को गौ-रक्षा करने का संकल्प दिलाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मालवा की जमीन को हरा-भरा बनाने के लिए नर्मदा को क्षिप्रा, पार्वती, कालीसिंध, चंबल नदी से जोड़ा जाएगा। बेटियों के सम्मान की रक्षा का संकल्प दोहराते हुए उन्हांेने कहा कि बेटियों के मान-सम्मान को ठेस पहुँचाने वालों को मृत्यु दण्ड दिया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि हर घर में गौ-माता को स्थान मिलना चाहिए। मध्यप्रदेश सरकार ने भारतीय संस्कृति के मूल्यों और संस्कारों को नई पीढ़ी को देने का काम किया है। सरकार ने अपना कर्त्तव्य पूरा किया है। अब आम नागरिकों को गौ-माता के प्रति अपने कर्त्तव्यों को पूरा करने का संकल्प लेना होगा। डॉ. भागवत ने गौ-उत्पादों के मानक तैयार करने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि गौ-माता की प्रतिष्ठा को फिर से स्थापित करने का समय आ गया है। गौ पालन सिर्फ आर्थिक प्रक्रिया नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति और स्वभाव का प्रतीक है। यह भारत की आर्थिक स्वतंत्रता और सबलता का आधार है। इसलिये गौ संरक्षण का काम घर-घर पहुँचना चाहिए। गौ-माता को परोपकारी बताते हुए डॉ. भागवत ने कहा कि गौ-सेवा मानव समाज को संस्कार देती है।
पशुपालन मंत्री अजय विश्नोई ने स्वागत भाषण में गौ-पालक पुरस्कार के उददेश्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गौ माता के अनादर को रोकने के लिये गौ-अभयारण्य एक ठोस पहल है। गौ-शाला अनुदान राशि को दो गुना कर दिया गया है और उन्हें मनरेगा से जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि देशी नस्ल के गौ-वंश को बढ़ावा देने के लिये गौ-पालक पुरस्कारों की संख्या बढ़ाकर 1500 कर दी गई है। इसके अलावा वत्स प्रोत्साहन योजना भी बनाई गई है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सर्वाधिक दूध देने वाली गौ-माताओं के पालकों को सम्मानित किया। उज्जैन के संतोष पाटीदार को प्रथम पुरस्कार, उज्जैन की श्रीमती लक्ष्मी बाई को द्वितीय और दमोह के हल्लू यादव को तृतीय पुरस्कार दिया। इसके अलावा सात गौ-पालक को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
उपस्थित जन-समुदाय के आग्रह पर मुख्यमत्री ने ”राम भजन सुखदाई … भजन भी सुनाया। मुख्यमंत्री ने गौ-माता के सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व पर आधारित लेखों के संकलन का विमोचन किया। पशुपालन विभाग द्वारा प्रकाशित कैलेंण्डर का भी विमोचन किया गया। जैव प्रौद्योगिकी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने गौ-माता और भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित भजन सुनाये। उपस्थित जन-समुदाय और गौ-सेवक उनके भजन पर झूम कर नाचे और तालियाँ बजाकर साथ दिया। मुख्यमंत्री ने संत समुदाय के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित संत अखिलेश्वरानंद, संत संतोष गिरि महाराज, साध्वी प्रज्ञाश्री भारती का सम्मान किया। कार्यक्रम में श्री कमलकिशोर नागर भी उपस्थित थे।
गौ-संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष शिव चौबे ने कार्यक्रम का संचालन किया। वैदिक मंत्रों के बीच गौ-अभयारण्य का भूमि-पूजन कार्यक्रम संपन्न हुआ। संस्कृति मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया, राज्य भाजपा अध्यक्ष और सांसद नरेन्द सिंह तोमर, गौ-संवर्धन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष मेघराज जैन, क्षेत्रीय विधायक संतोष जोशी और बड़ी संख्या में गौ-पालक और गौ-शाला संचालक उपस्थित थे।