भोपाल, मार्च 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में गेहूँ उपार्जन के लिये बनाये गये केन्द्रों पर बेहतर व्यवस्था रहे। उपार्जन केन्द्रों पर आने वाले किसान को कोई परेशानी नहीं हो इसका ध्यान रखें। ओलावृष्टि के कारण जिस गेहूँ की थोड़ी चमक चली गई है तो भी उसे खरीदा जाये। मुख्यमंत्री यहां गेहूँ उपार्जन की समीक्षा कर रहे थे। प्रदेश के चार संभाग इन्दौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम् में समर्थन मूल्य पर गेहूँ की खरीदी गत 25 मार्च से शुरू हो गई है तथा शेष संभागों में आगामी 6 अप्रैल से शुरू होगी। मुख्यमंत्री स्वयं खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे।

श्री चौहान ने बैठक में गेहूँ उपार्जन की तैयारियों की जानकारी ली। कहा कि गेहूँ उपार्जन के लिये बनाये गये खरीदी केन्द्रों पर छन्ने की तथा आद्रता मीटर की व्यवस्था रखें। यदि गेहूँ का समर्थन मूल्य 1450 रुपये प्रति क्विंटल से कम आकलन किया जाता है तो उसका नमूना लेकर मंडी सचिव प्रमाणित करें। जहां बड़े-बड़े तौल कांटे लगे है वहां दोबारा तुलाई नहीं हो। गेहूँ के उपार्जन से संबंधित किसी भी शिकायत के लिये एक टेलीफोन नम्बर निर्धारित किया जाये, जिस पर कोई भी किसान शिकायत कर सके। इस तरह की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करें।

बैठक में बताया गया कि गेहूँ के उपार्जन के लिये प्रदेश में 18 लाख 74 हजार किसानों का पंजीयन किया गया है जो पिछले वर्ष से डेढ लाख अधिक है। गेहूँ के उपार्जन के लिये 2974 केन्द्र बनाये गये हैं। खरीदी के पहले दिन 25 मार्च को 2 हजार 73 किसानों से 10 हजार 614 मीट्रिक टन गेहूँ खरीदा गया। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त आर.के स्वाई, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजोरा, प्रमुख सचिव राजस्व अरुण तिवारी, प्रमुख सचिव सहकारिता अजीत केसरी सहित नागरिक आपूर्ति निगम और मार्कफेड के अधिकारी उपस्थित थे।

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