भोपाल, दिसम्बर 2014/ मनुष्य का व्यक्तित्व समाज में उसकी एक अलग पहचान बनाता है और इस व्यक्तित्व को निखारने में गुरुजन की अहम भूमिका होती है। इसके लिये गुरुजन को अपने दायित्वों का निर्वहन पूर्ण निष्ठा और लगन के साथ करना चाहिये। उच्च एवं स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने यह बात प्रशासन अकादमी में व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ के मास्टर-ट्रेनर्स के प्रशिक्षण में कही।

श्री जोशी ने कहा कि प्राचीन-काल से ही शिक्षकों एवं गुरुजनों की अपने शिष्यों के व्यक्तित्व को निखारने में अहम भूमिका रही है। जब मैं हमीदिया महाविद्यालय भोपाल का विद्यार्थी था, उस समय के अनेक शिक्षकों के व्यक्तित्व का उदाहरण आज भी मेरे मानस-पटल पर अंकित है। युवाओं की सृजनशील क्षमताओं के सम्पूर्ण विकास को ध्यान में रखकर कर्मठ और गतिशील युवा की परिकल्पना साकार करने की भावना से व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। प्रकोष्ठ के प्रशिक्षित मास्टर-ट्रेनर्स प्रकोष्ठ की गतिविधियों के निर्वहन में अपनी अहम भूमिका निभाएँ।

प्रकोष्ठ के समन्वयक डॉ. सुरेन्द्र बिहारी गोस्वामी ने कहा कि हमें अपने व्याख्यानों के माध्यम से विद्यार्थियों में पॉजिटिव सोच का विकास करना है और उनकी निगेटिव सोच को समाप्त करना है।

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