भोपाल, जून 2015/ भोपाल जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि पिछले छह माह से भोपाल से गुमशुदा बच्चों के पीछे संगठित गिरोह का हाथ नहीं है। गुमशुदा बच्चों के प्रकरणों में से अधिकांश अपने मन से घर से भागे थे। इनमें पारिवारिक कारण भी है और दोस्त के साथ ज्यादा दिनों के लिये घूमने चले जाना भी है। घर लौट चुके बच्चों से बातचीत में यह तथ्य सामने आया है। इससे स्पष्ट है कि कि बच्चों की गुमशुदगी अपहरण और फिरौती वसूली से नहीं जुड़ी है। घर लौटे बच्चों के साथ किसी तरह की कोई असामान्य घटना होना नहीं पायी गयी है।

उल्लेखनीय है कि एक जनवरी 2015 से 25 जून, 2015 की अवधि में भोपाल नगर विशेषकर पुराना भोपाल क्षेत्र में कुल 49 बच्चों की गुमशुदगी दर्ज हुई। इनमें से 41 बच्चे पुन: घर लौट आये हैं। शेष 8 बच्चों की तलाश प्रगति पर है। जिला प्रशासन के अनुसार उच्चतम न्यायालय की गाइड लाइन के अनुसार गुमशुदगी के प्रकरणों में पुलिस द्वारा तत्काल प्रकरण दर्ज किया जाता है। प्रकरण दर्ज होने के साथ ही बच्चे की तलाश की मुहिम शुरू कर दी जाती है।

जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि बच्चों की गुमशुदगी के प्रकरण में किसी भी प्रकार की अफवाह से सावधान रहे। बहकावे में न आये। बच्चों के गुमशुदा होने के संबंध में किसी भी तरह की जानकारी को तत्काल पुलिस और जिला प्रशासन की जानकारी में लाये। इस संबंध में किसी भी तरह की सूचना भोपाल के किसी भी पुलिस स्टेशन, पुलिस चौकी, कन्ट्रोल रूम को तत्काल देने का अनुरोध लोगों से किया गया है। भोपाल के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, एडीएम, डीएसपी आदि के मोबाइल पर भी सूचना दी जा सकती है।

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