भोपाल, अगस्त 2014/ गाजे बाजे के साथ गणपति की स्थापना के साथ ही पूरे मध्यप्रदेश में दस दिनी गणेशोत्सव की शुरुआत हो गई। प्रदेश में हजारों स्थानों पर घरों, संस्थाओं, गलियों और मोहल्लों में गणपति की स्थापना की गई है। विघ्नविनायक गणेश की स्थापना का कार्य शुभ मुहूर्त में शुक्रवार सुबह से ही शुरू हो गया था। लोग गाजेबाजे के साथ गण्पति बप्पा मोरिया के नारों के साथ गणेश प्रतिमाएं घरों व स्थापना स्थल तक ले गए। विधित पूजन के साथ गणेशजी को लड्डुओं का भोग लगाया गया। भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी सपत्नीक गणेश प्रतिमा लेकर अपने निवास पहुंचे।
पर्व को यादगार बनाने के लिए गणेश उत्सव समितियों ने इस बार खास तैयारियां की हैं। कहीं देश के प्रसिद्ध मंदिरों की प्रतिकृति वाले पांडाल तैयार किए गए हैं तो कहीं गणेशजी की विभिन्न आकार व आकृति वाली प्रतिमाएं तैयार की गई हैं। गणेशोत्सव पर अनेक स्थानों पर बड़े पांडालों में झांकियां भी लगाई हैं। इन झांकियों में धामिर्क प्रसंगों के साथ साथ देश की राजनीति और अन्य समस्याओं से जुड़े प्रसंगों को भी दर्शाया गया है।
पर्यावरण जागरूकता के चलते इस बार कई स्थानों पर गणेशजी की विशालकाय प्रतिमाएं लगाने से परहेज किया गया। कई संस्थाओं ने अपील की थी कि कोई भी प्रतिमा छह फुट से अधिक बड़ी न हो। हालांकि कई स्थानों पर ऐसी विशालकाय प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं जिन्हें स्थापनास्थलों तक ले जाने के लिए क्रेन और ट्रक का इस्तेमाल करना पड़ा।
पर्यावरण प्रेमियों ने इस बार प्लास्टर ऑफ पेरिस के बजाय मिट्टी के गणेश स्थापित किए जाने को लेकर भी अभियान चलाया था। इस अभियान का असर भी देखने को मिला और कई स्थानों पर मिट्टी के साथ साथ इकोफ्रेंडली वस्तुओं से बने गणेशजी स्थापित किए गए हैं।