भोपाल, अप्रैल 2015/ बाँध परियोजना कमाण्ड क्षेत्र के किसानों को गरमी के मौसम की फसल लेने के लिये राज्य सरकार ने सिंचाई जल उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। इसके लिये सिंचाई परियोजना बाँधों से नहरों में जल-प्रवाह शुरू किया जायेगा। निकट भविष्य में निमाड़ अंचल के ओंकारेश्वर परियोजना कमाण्ड क्षेत्र के 28 हजार किसान परियोजना नहर से सिंचाई जल ले सकेंगे। नहर संचालन के लिये ओंकारेश्वर बाँध के वर्तमान 189 मीटर जल-स्तर में 2 मीटर की बढ़ोत्तरी की जायेगी, जिससे नहर में जल-प्रवाह प्रारम्भ हो सके।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के विभिन्न अंचलों में ओला तथा वर्षा से किसानों को हानि उठाना पड़ी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के किसानों को इस प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न संकट में हरसम्भव मदद का आश्वासन दिया है। ओंकारेश्वर परियोजना कमाण्ड क्षेत्र में सिंचाई जल उपलब्ध होने से लगभग 60 हजार एकड़ क्षेत्र में किसान गर्मी में कपास, मिर्च और मूंग आदि की फसल का उत्पादन कर सकेंगे। एक अनुमान के अनुसार इस सिंचाई सुविधा से लगभग 3 लाख क्विंटल कपास, 4 लाख क्विंटल मिर्च तथा एक लाख 60 हजार क्विंटल मूंग फसल का उत्पादन हो सकेगा। सम्मिलित रूप से अंचल के किसानों को लगभग 560 करोड़ रूपये फसल उत्पादन का लाभ मिलेगा।

ज्ञात हो कि वर्ष 2012 में ओंकारेश्वर जलाशय का जल-स्तर 191 मीटर किया गया था। तब जलाशय प्रभावित परिवारों की मांग पर जल-स्तर घटाकर मुख्यमंत्री ने पुनर्वास नीति में उपलब्ध मुआवजे और सुविधाओं के अतिरिक्त राशि 225 करोड़ का विशेष पेकेज स्वीकृत किया था। इस पेकेज का लाभ उठाकर अधिकांश परिवार जलाशय क्षेत्र से विस्थापित हो गये हैं। ओंकारेश्वर बाँध का पूर्ण जलाशय स्तर 196.60 मीटर है। ग्रीष्मकालीन फसल के लिये वर्तमान 189 मीटर जल-स्तर बढ़ाकर 191 मीटर करने से इस स्तर पर किसी भी प्रकार से मानव जीवन प्रभावित नहीं होगा।

ओंकारेश्वर परियोजना कमाण्ड क्षेत्र के किसान परियोजना की नहरों में जल-प्रवाह के लिये निरंतर मांग कर रहे हैं। हाल ही में भारत सरकार वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के दल ने परियोजना कमाण्ड क्षेत्र का भ्रमण किया था। इस दल के समक्ष भी सैकड़ों किसानों ने नहरों में जल-प्रवाह आरम्भ करने का मुद्दा उठाते हुए दल के समक्ष प्रदर्शन किया था।

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