भोपाल, जनवरी 2015/ गाँवों में स्वास्थ्य जागृति की पहल महिलाओं और बच्चों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए गणतंत्र दिवस से राज्य में 771 ममता रथ रवाना किए गए हैं। ये रथ गाँव-गाँव जाकर स्वास्थ्य कार्यक्रमों का संदेश पहुँचा रहे हैं । इस रथ में दो चिकित्सक भी मौजूद रहते हैं जो जीवन रक्षक टीकों और समय-समय पर की जाने वाली स्वास्थ्य जाँच के महत्व से अवगत करवाते हैं। ये रथ वर्ष भर कार्य करेंगे।
राज्य में विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के वाहनों का ममता रथ में उपयोग किया जा रहा है। वर्तमान 771 वाहन के अलावा शीघ्र ही 194 अन्य वाहन भी शहरी क्षेत्र की मलिन बस्तियों तक जाकर स्वास्थ्य जागृति और उपचार का कार्य करेंगे।
ममता अभियान के द्वितीय चरण में ममता रथ संचालन से नवजात शिशुओं, गर्भवती माताओं और अन्य नागरिकों को जरूरत के मुताबिक औषधि प्रदान करने की व्यवस्था भी की गई है। प्रत्येक रथ में स्टाफ के रूप में दो सहायक भी मौजूद रहेंगे। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री प्रवीर कृष्ण ने सभी ममता रथ में चिकित्सक के मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं। ममता रथ का दल ग्राम-स्तर पर स्वास्थ्य के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने तथा विभिन्न रोगों के प्राथमिक और दीर्घकालिक उपचार की जानकारी और मार्गदर्शन देने का कार्य भी कर रहे हैं।
स्वास्थ्य कार्यक्रमों को ग्रामोन्मुखी बताते हुए ग्राम स्तर पर प्रदाय की जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि के प्रयास किए जा रहे हैं। मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के प्रयासों को सफलता भी मिलने लगी है। इस सफलता को बढ़ाने और नवजात बच्चों, गर्भवती माताओं की असमय मृत्यु को और भी कम करने के लिए ग्राम-स्तर पर सेवाएँ सुदृढ़ की जा रही हैं। गर्भवती स्त्री की समय-समय पर रक्तचाप, हीमोग्लोबिन, शुगर आदि की जाँच कर औषधि उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इस दृष्टि से ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता जैसे एएनएम, एमपी डब्ल्यू और आशा कार्यकर्त्ताओं को दायित्व सौंपे गए हैं। राज्य शासन ने आयएएफ गोलियों के वितरण और टीकाकरण से राज्य की करीब 24 लाख माताओं और एक करोड़ 14 लाख बच्चों को लाभान्वित करने को महत्वपूर्ण माना है। इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम में शत-प्रतिशत कव्हरेज के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विशेष रूप से तैयार करवाए गए एमसीटीएस साफ्टवेयर की मदद भी ली जा रही है।