भोपाल। राज्य सरकार द्वारा खेलों और खिलाड़ियों को भरपूर प्रोत्साहन देने के साथ ही अधोसंरचना पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश का खेल बजट 4 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ से ऊपर किया गया है। इसी का परिणाम है कि प्रदेश के खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय-स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। मध्यप्रदेश को गत पाँच वर्ष में 1708 पदक मिले हैं।
तरक्की की ऊँची उड़ान … हम छुएँगे आसमान
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में खेल एवं खिलाड़ियों को सर्वोत्कृष्ट संसाधन तथा आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जा रही हैं। राज्य सरकार की मंशा ही प्रदेश को खेलों में देश का अग्रणी राज्य बनाने की कार्यशैली का मूल-आधार है। खेल विभाग की योजनाएँ तथा सरकार के भरपूर प्रोत्साहन से आज प्रदेश के खिलाड़ी शिखर छू रहे हैं। प्रदेश के खिलाड़ी मजबूत हौसलों के साथ राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय-स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में खेल नहीं जाना जाता था, अब खेल की पहचान मध्यप्रदेश है। खेल के क्षेत्र में मध्यप्रदेश आसमाँ ही नहीं छुएगा, उससे भी ऊपर जायेगा।
खेल एवं खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिये खेल अकादमियाँ स्थापित की गई हैं। इनके समुचित समाधान और सुविधाओं के उपलब्ध करवाये जाने की राज्य सरकार की ईमानदार कोशिशों का नतीजा है कि इनसे निकले खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा राज्य-स्तरीय विभिन्न खेल प्रतिभाओं में भाग लेकर देश में अपनी पहचान बनाई है।
पिछले पाँच वर्ष में अकादमी के खिलाड़ियों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर 1708 पदक प्राप्त किये हैं। इनमें 860 स्वर्ण, 445 रजत तथा 403 काँस्य-पदक शामिल हैं। इस दौरान वर्ष 2007-08 में कुल 244 पदक प्राप्त हुए। इनमें पाँच अंतर्राष्ट्रीय, 104 राष्ट्रीय तथा 135 राज्य-स्तर पर मिले हैं। इनमें 139 स्वर्ण, 62 रजत तथा 43 काँस्य-पदके मिले हैं। इसके साथ ही खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय-स्तर पर आयोजित 17 प्रतियोगिताओं में भागीदारी भी की है।
वर्ष 2008-09 में खिलाड़ियों ने 323 पदक अर्जित किये। इनमें अंतर्राष्ट्रीय-स्तर पर पाँच, राष्ट्रीय पर 142 तथा राज्य-स्तर पर 176 पदक मिले हैं। इनमें 164 स्वर्ण, 83 रजत तथा 76 काँस्य-पदक खिलाड़ियों ने प्राप्त किये। साथ ही 18 अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी भी की। वर्ष 2009-10 में प्रदेश के खिलाड़ियों ने 330 पदक अर्जित किये। इनमें 2 अंतर्राष्ट्रीय, 167 राष्ट्रीय तथा 161 राज्य-स्तरीय प्रतियोगिताओं के हैं। इनमें 170 स्वर्ण, 94 रजत तथा 66 काँस्य-पदक जीते हैं। चार अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भागीदारी भी की गई है।
इसी प्रकार राज्य खेल अकादमियों के खिलाड़ियों ने वर्ष 2010-11 में अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा राज्य-स्तर पर 375 पदक अर्जित किये। इनमें 184 स्वर्ण, 91 रजत तथा 100 कॉस्य-पदक शामिल हैं। इनमें 23 अंतर्राष्ट्रीय, 180 राष्ट्रीय तथा 163 राज्य-स्तर के हैं। इसके साथ ही 41 अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी भी की। वर्ष 2011-12 में खिलाड़ियों ने 436 पदक अर्जित किये। इनमें 31 अंतर्राष्ट्रीय, 208 राष्ट्रीय तथा 197 राज्य-स्तर की प्रतियोगिताओं के हैं। इनमें 203 स्वर्ण, 115 रजत तथा 118 काँस्य-पदक सम्मिलित हैं। इसके साथ ही 66 अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों द्वारा भागीदारी की गई है।