भोपाल:22 मई। मध्यप्रदेश में खिलाडि़यों के लिए महत्वपूर्ण फैसला करते हुए सरकार ने सभी खेलों के वर्तमान एवं भूतपूर्व खिलाड़ियों के कल्याण के लिये मुख्यमंत्री खिलाड़ी कल्याण कोष की स्थापना की है। इसके लिए एक करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। इसके अलावा कोष के संयोजक प्रायोजन के जरिए भी राशि जुटा सकेंगेा कोष से खिलाड़ियों के कल्याण के लिये एक समय में अधिकतम दो लाख एवं न्यूनतम 10 हजार रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जा सकेगी। मुख्यमंत्री इस कोष के अध्यक्ष और खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। सदस्यों में खेल और युवा कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव और प्रदेश के 4 अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी होंगे। इनमें एक महिला खिलाड़ी होगी। संचालक खेल एवं युवा कल्याण समिति के सचिव होंगे।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने 64वें औबेदुल्ला खाँ गोल्ड कप हॉकी टूर्नामेंट 2010 भोपाल के समापन पर 29 मार्च, 2010 को इस कोष की घोषणा की थी। इसमें एक करोड़ (एक बार) की राशि की व्यवस्था शासन द्वारा की जायेगी।
मुख्यमंत्री कल्याण कोष के प्रावधान
मुख्यमंत्री खिलाड़ी कल्याण कोष में उत्कृट खिलाड़ीं से तात्पर्य उस खिलाड़ी से होगा जिसने अधिकृत राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में प्रथम, द्वितीय अथवा तृतीय स्थान प्राप्त किया हो अथवा अधिकृत अन्तर्राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में पदक प्राप्त किया हो या कम से कम दो बार देश का प्रतिनिधित्व किया हो। कोष के माध्यम से उत्कृष्ट खिलाड़ी की पत्नी अथवा पति, माता, पिता एवं पुत्र, पुत्री जो पूर्णतः खिलाड़ी पर आश्रित हो सहायता प्राप्त कर सकेंगे। पुत्र अथवा पुत्री अविवाहित होने पर ही आर्थिक सहायता के लिये पात्र होंगे।
कोष के माध्यम से ओलम्पिक, एशियन गेम्स, राष्ट्र मण्डल खेल, विश्वकप, विश्व एवं एशियन चैम्पियनशिप के लिये आधुनिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिये भारत सरकार द्वारा आर्थिक सहायता उपलब्ध न करवाये जाने अथवा कम उपलब्ध कराये जाने की स्थिति में आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जा सकेगी। कोष के माध्यम से प्रदेश के ऐसे वर्तमान व पूर्व उत्कृष्ट खिलाड़ी जिन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया हो, को प्रतियोगिता के दौरान अथवा उसकी तैयारी के लिये अभ्यास के दौरान खेल अथवा दुर्घटना में स्थाई स्वरूप की निःशक्तता होने पर लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग अथवा चिकित्सा शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशानुसार निःशक्तता पेंशन उपलब्ध कराई जा सकेगी।
कोष के माध्यम से गंभीर बीमारी के इलाज के लिये उत्कृष्ट खिलाड़ी के बुजुर्ग माता-पिता, पति, पत्नी, अविवाहित पुत्र अथवा पुत्री जो कि पूर्णतः खिलाड़ी पर आश्रित हों एवं सभी स्त्रोतो से खिलाड़ी के परिवार की वार्षिक आय तीन लाख रुपये से कम हो को बीमारी के इलाज के लिये लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग अथवा चिकित्सा शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशानुसार आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा सकेगी।
कोष के माध्यम से वरिष्ठ खिलाड़ियों को भी सम्मान निधि दी जा सकेगी। प्रदेश के ऐसे खिलाड़ी जिन्होने ख्याति प्राप्त अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक अर्जित किया हो उन्हें मासिक आर्थिक सहायता दी जा सकेगी। ओलम्पिक प्रतियोगिता में स्वर्ण-पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को 15 हजार रुपये, रजत 12 हजार 500 तथा काँस्य-पदक वाले खिलाड़ी को 10 हजार रुपये मासिक सहायता दी जायेगी। एशियन गेम्स में स्वर्ण-पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को 10 हजार रुपये, रजत-पदक पर 7,500 तथा काँस्य-पदक पर 5 हजार रुपये, विश्व@विश्व चैम्पियन प्रतियोगिता में स्वर्ण-पदक प्राप्त खिलाड़ी को 7,500 रुपये, रजत-पदक पर 5 हजार रुपये तथा काँस्य-पदक खिलाड़ी को 2,500 रुपये की मासिक आर्थिक सहायता दिये जाने का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री खिलाड़ी कल्याण कोष की स्थापना बेहतर कदम
मुख्यमंत्री खिलाड़ी कल्याण कोष की स्थापना पर पूर्व ओलम्पियन एवं अर्जुन अवार्डी, श्री अशोक ध्यानचंद ने का स्वागत किया है। उन्होनें खिलाड़ियों के कल्याण के दिशा में मुख्यमंत्री द्वारा उठाया गया बेहतर कदम बताते हुए कहा है कि इस तरह की पहल की बहुत आवश्यकता थी।
खेल संघों और खिलाडि़यों ने कोष की स्थापना और राष्ट्रीय पदक विजेता खिलाडि़यों की राशि दोगुनी करने के मुख्यमंत्री के फैसले का स्वागत किया है।