भोपाल, जून 2014/ राजस्व एवं पुनर्वास मंत्री रामपाल सिंह ने दिल्ली में केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह से मुलाकात कर प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों के लिए 5963 करोड़ 22 लाख का अतिरिक्त विशेष आर्थिक पैकेज देने का आग्रह किया। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को विगत वर्षों में प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदाओं से उत्पन्न स्थिति से अवगत करवाया। श्री सिंह ने यू.पी.ए. सरकार द्वारा प्राकृतिक आपदाओं संबंधी राहत के संबंध में प्रदेश के साथ किए गए सौतेले व्यवहार की भी जानकारी दी।
श्री सिंह ने कहा कि विशेष पैकेज राशि स्वीकृत होने तक राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से किसानों को वितरित की गई राहत राशि 2127 करोड़ 42 लाख अविलम्ब दी जाएँ। मध्यप्रदेश में वर्ष 2013 के प्रारम्भ में ओला/पाला से रबी की फसल को काफी नुकसान पहुँचा था। इसके बाद वर्ष 2013 के मानसून के दौरान अति वृष्टि/बाढ़ से 28 जिले में 9.25 लाख हेक्टेयर खरीफ फसलें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी थीं। राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से प्रारम्भिक आकलन के अनुसार रुपये 575 करोड़ 19 लाख की अतिरिक्त सहायता की माँग की जिसमें से कुल रुपये 388 करोड़ 75 लाख की राशि स्वीकृति दी गयी। इसमें से भी मात्र 262 करोड़ 38 लाख की राशि दी गयी। इतनी कम केन्द्रीय सहायता के बावजूद राज्य सरकार ने अपने सीमित संसाधनों में से 660 करोड़ 24 लाख प्रभावित किसानों को राहत के रूप में वितरित किये। इसी प्रकार वर्ष 2014 में ओला वृष्टि और असामयिक वर्षा के भीषण प्रकोप से प्रदेश के 49 जिले की 26.33 लाख हेक्टेयर रबी की फसल बरबाद हो गयी जिससे 20 लाख किसान बुरी तरह प्रभावित हुए। श्री सिंह ने बताया कि इस आपदा से निपटने के लिए भी प्रदेश ने अपने सीमित संसाधनों से रुपये 2131 करोड़ 04 लाख की राहत किसानों में वितरित की।
श्री रामपाल सिंह ने बताया कि यू.पी.ए. सरकार के अध्ययन दल द्वारा अध्ययन के बाद इस भीषण प्राकृतिक आपदा के लिए केन्द्र सरकार ने केवल रुपये 494 करोड़ 95 लाख की सहायता राशि मंजूर की। इसमें से भी मात्र 240 करोड़ 21 लाख रुपये की राशि जारी की गई, जो नुकसान को देखते हुए काफी कम है। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने अपने सीमित वित्तीय संसाधनों से प्रभावित किसानों को रुपये 2127 करोड़ 42 लाख वितरित किये।
राजस्व मंत्री श्री सिंह ने यू.पी.ए. सरकार द्वारा वर्ष 2014 में राज्य के साथ सौतेलेपन का खुलासा करते हुए बताया कि असामयिक वर्षा और ओला वृष्टि से समीपवर्ती महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे राज्यों में हुई रबी फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए इन राज्य सरकारों द्वारा माँगी गयी अतिरिक्त राहत राशि शत-प्रतिशत दी गई। दूसरी तरफ मध्यप्रदेश सरकार को दी गई राहत राशि अन्य राज्यों की तुलना में 10 प्रतिशत भी नहीं थी।