भोपाल, अक्टूबर 2014/ प्रदेश में नई तकनीक के कृषि यंत्रों की निर्माण इकाइयों की अपार संभावनाएँ उपलब्ध हैं। कृषि यंत्रीकरण के लाभ को देखते हुए किसान नए-नए यंत्रों को अपनाने के लिये तैयार है। यह बात इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2014 में “इफीशियन्ट फार्मिंग-लोकास्ट फार्म टेक्नालॉजिज एण्ड मशीनरी’’ विषयक सत्र में किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने कही।
श्री बिसेन ने कहा कि मध्यप्रदेश आज देश का सबसे तेजी से बढ़ता प्रदेश है। विगत 3 वर्ष से कृषि क्षेत्र की प्रगति देश में सर्वाधिक रही है। प्रदेश को विगत दो वर्ष से लगातार कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त हो रहा है। हमारे किसानों द्वारा गत वर्ष लगभग 87 हजार ट्रेक्टर्स क्रय किए गए हैं, जो उत्तरप्रदेश के बाद सर्वाधिक हैं। प्रदेश में ट्रेक्टर विक्रय की ग्रोथ रेट लगभग 32 प्रतिशत है, जो देश में सर्वाधिक है। श्री बिसेन ने कहा कि प्रदेश सरकार द्धारा भी महंगे कृषि यंत्रों पर भारत सरकार के अनुदान के अलावा टाप-अप अनुदान दिया जा रहा है। कृषि यंत्रों पर वेट टेक्स समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि नई यंत्रीकरण तकनीकों के प्रसार के लिये राज्य सरकार द्वारा “यंत्रदूत ग्राम’’ का व्यापक कार्यक्रम चलाया गया है। इसमें प्रतिवर्ष 200 ग्राम विकसित किए जा रहे हैं। युवाओं के माध्यम से प्रतिवर्ष 500 कस्टम हायरिंग केन्द्र भी स्थापित किए जा रहे हैं। राज्य सरकार युवाओं को इनकी स्थापना के लिये 10 लाख तक का अनुदान दे रही है। भविष्य में इन कस्टम हायरिंग केन्द्र की संख्या 700 कर दी जायेगी।
श्री बिसेन ने कहा कि मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति भी बड़े निर्माताओं के लिये सर्वाधिक अनुकूल है। यहाँ से देश के सभी क्षेत्रों में सामग्री आसानी से पहुँचाई जा सकती है। कृषि मंत्री ने उद्योगपतियों से आव्हान किया कि मध्यप्रदेश में कृषि यंत्रीकरण के क्षेत्र में उपलब्ध अपार संभावनाओं और राज्य सरकार की उदार नीतियों को ध्यान में रखते हुए नई इकाइयाँ स्थापित करें।
सत्र संचालन कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आर.के.स्वाईं ने किया। भारत सरकार के कृषि अनुसंधान और शिक्षा सचिव डॉ. एस. अय्यपन, केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. ज्ञानेन्द्र सिंह, श्री के.के.सिंह डायरेक्टर सीआईएई, श्री रोहितास माल, श्री पी.वी.एस. भदौरिया, श्री जसकरणसिंह महल लुधियाना और डॉ. सी.वी.मेहता ने अपने प्रेजेन्टेशन दिये।
सत्र के दौरान शक्तिमान ग्रुप राजकोट ने 50 करोड़ का पूँजी निवेश कर रोटावेटर संयंत्र लगाने और टायनो ग्रुप ने 100 करोड़ की लागत से रोटावेटर, जीरो ट्रिल मशीन संयंत्र लगाने पर सहमति व्यक्त की।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश कुमार राजौरा और मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री अरूण पांडे सहित देश-विदेश के प्रतिनिधि उपस्थित थे।