भोपाल, मई 2015/ किसानों और कृषि वैज्ञानिकों के बीच सीधे संवाद के लिए कृषि महोत्सव-2015 की सभी तैयारियाँ पूर्ण हो चुकी हैं। प्रदेश के 313 विकास खंड के 52 हजार गाँव में कृषि क्राँति रथ के जरिए कृषि को लाभ का धंधा बनाने का संकल्प है। इसके लिए विस्तृत रूपरेखा तैयार कर सभी जिला कलेक्टर्स को भेजी गई जिसके आधार पर जिला स्तर पर महोत्सव के लिए व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की गई हैं। महोत्सव की शुरूआत 25 मई को इंदौर में कृषि विकास मेले से होगी। समापन 15 जून को भोपाल में फसल बीमा पर कार्यशाला से होगा।

‘प्रदेश का किसान उन्नत और समृद्ध बने’ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की इस मंशा को पूरा करने के लिए 2014 से कृषि महोत्सव की शुरूआत की गई थी। इसके बेहतर परिणाम भी मिले हैं।

कृषि महोत्सव के जरिये किसानों और कृषि वैज्ञानिकों के बीच कृषि और उससे जुड़े विषयों पर सीधा संवाद करवाने का लक्ष्य है। इसके जरिये पशुपालन, उद्यानिकी, मछली पालन आदि विषयों पर चर्चा होगी। खेती-किसानी में नवीन और वैज्ञानिक तकनीकी सुधार पर विचार होगा। वर्तमान फसलों की उत्पादकता बढ़ाना और नई किस्म की फसल की संभावनाओं के आधार पर भविष्य में फसल चक्र में बदलाव लाकर कृषि को लाभ का धंधा बनाने का लक्ष्य है। महोत्सव के दौरान मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन, जैविक खेती का चयनित क्षेत्र में प्रसार, दुग्ध उत्पादन और उद्यानिकी के क्षेत्र में उत्पादकता एवं गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी, कृषि में फसल नुकसान की रोकथाम की गतिविधियाँ संचालित की जायेगी।

महोत्सव के जरिए सभी किसान से सीधा संवाद करने के लिए हरविकास खण्ड में एक कृषि क्रांति रथ घूमेगा। रथ प्रतिदिन तीन ग्राम पंचायत का भ्रमण करेगा। अत्याधुनिक सुविधाओं वाले इस रथ में टीवी, जीपीएस सिस्टम आदि लगाये जायेंगे। इसके जरिये किसानों को खेती की नई तकनीक के साथ सरकार की योजनाओं की भी जानकारी दी जायेगी। यह रथ 22 दिन तक गाँवों में भ्रमण करेगा। रथ में एक तकनीकी दल भी रहेगा। इस दल के प्रभारी कृषि विभाग के अधिकारी होंगे। दल के सदस्य पशुपालन, उद्यानिकी एवं मत्स्य-पालन के अधिकारी के साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ एवं प्रगतिशील कृषक होंगे।

महोत्सव की गतिविधियों को मैदानी स्तर पर संचालित करने 16 विभाग सक्रिय हिस्सेदारी करेंगे। इन सभी विभाग की जिम्मेदारी तय की गई हैं। किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के अलावा मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण, पशुपालन, मछली पालन, सहकारिता, पंचायत, ग्रामीण विकास, वन, जल संसाधन, ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, राजस्व, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, स्कूल शिक्षा, आदिवासी विकास, महिला-बाल विकास विभाग और इनसे संबंधित संस्थाएँ शामिल हैं।

महोत्सव को सफल बनाने के लिए त्रि-स्तरीय समिति गठित की गई है। जिला स्तर पर प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में सलाहकार समिति गठित की गई है। कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति और विकास खण्ड पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की अध्यक्षता में समिति गठित है। समिति महोत्सव से जुड़ी सभी गतिविधियों को सम्पन्न करवाने में सहयोग करेगी।

कृषि क्रांति रथ का हर गाँव में स्वागत किया जायेगा। यह स्वागत पुष्प-गुच्छ या मालाओं से नहीं बल्कि ग्रामीण कृषकों द्वारा अनाज देकर किया जायेगा। इस अनूठे स्वागत में मिले अनाज का उपयोग ऑगनवाड़ी के पोषण आहार में किया जायेगा।

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