भोपाल, सितंबर 2014/ केन्द्रीय जल-संसाधन और नदी विकास मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा है कि कृषि और सिंचाई के क्षेत्र में मध्यप्रदेश की उपलब्धियाँ चमत्कारिक और पूरे देश के लिये मिसाल हैं। उन्होंने कहा कि त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीपी) की प्रक्रियाओं में राज्यों के सुझाव के अनुसार उपयुक्त संशोधन किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि बरगी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं।

सुश्री भारती यहाँ नर्मदा भवन में मध्यप्रदेश में कार्यरत केन्द्रीय जल-संसाधन विभाग के अधीन क्षेत्रीय संस्थानों की कार्य-प्रणाली की समीक्षा कर रही थीं। बैठक में जल-संसाधन मंत्री जयंत मलैया, नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य और केन्द्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के अधिकारी उपस्थित थे।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सीमाओं से लगे राज्यों तथा समुद्र तट से लगे राज्यों का विकास भी आसानी से हो जाता है, लेकिन मध्यप्रदेश जैसे लेण्डलॉक्ड राज्यों को अपनी ही क्षमताओं से विकास करना पड़ता है। यह प्रसन्नता की बात है कि मध्यप्रदेश अपनी ही शक्ति के बलबूते विकास कर रहा है और कभी पिछड़ा कहा जाने वाला यह प्रदेश अब तेजी से आगे बढ़ता प्रदेश बन गया है।

सुश्री भारती ने मध्यप्रदेश में बुन्देलखण्ड पेकेज में किये गये सिंचाई सुविधा में वृद्धि के कार्यों की विशेष रूप से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश ने सिंचाई योजनाओं के क्रियान्वयन तथा सिंचाई सुविधा बढ़ाने के क्षेत्र में इतनी तेजी से काम किया है कि यह देश में एक मिसाल बन गया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सहित अन्य तेज कार्य करने वाले राज्यों की एक टीम बनाई जायेगी, जो सिंचाई कार्यों में धीमी गति वाले राज्यों को अपने अनुभवों का लाभ देगी और उनके कार्य में तेजी लाने के संबंध में मार्गदर्शन देगी। केन-बेतवा लिंक परियोजना का मार्ग प्रशस्त करने के लिये मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वन से संबंधित तेजी से किये जा रहे कार्य प्रशंसनीय हैं।

जल-संसाधन मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि जिस सक्षमता से मध्यप्रदेश ने सीमित संसाधनों में सिंचाई सुविधाओं का विकास किया है उसके अनुसार कहा जा सकता है कि प्रदेश में आगे चलकर सिंचाई क्षमता एक करोड़ हेक्टेयर तक बढ़ जायेगी। अगले तीन-चार वर्ष में सिंचाई क्षमता बढ़ाकर 40 लाख करने का लक्ष्य रखा गया है। सुश्री भारती के सहयोग से मध्यप्रदेश में सिंचाई के विकास को नये आयाम मिलेंगे।

नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा 2 लाख 86 हजार हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता निर्मित की गई है। बैठक में केन्द्रीय जल-संसाधन मंत्रालय के अधीन कार्यरत क्षेत्रीय संस्थाओं ने प्रेजेंटेशन देकर अपनी-अपनी गतिविधियों की जानकारी दी।

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