इंदौर, अक्‍टूबर 2012/ किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया ने  इंदौर में कृषि व्यवसाय और खाद्य प्र-संस्करण पर आधारित कार्यशाला में कहा कि प्रदेश में तीसरी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की गई है। इसके पहले आयोजित समिट के सकारात्मक परिणाम मिले हैं। यह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भी प्रदेश के विकास की नई दिशा निर्धारित करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जलवायु क्षेत्र पर आधारित फसलों का उत्पादन होता है। यहाँ पर कृषि के क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने की असीम संभावनाएँ हैं।

डॉ. कुसमरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री के 7 संकल्पों में खेती को लाभ का धंधा बनाने के संकल्प की पूर्ति के लिये कृषि क्षेत्र में उद्योगों को स्थापित करने की नितांत आवश्यकता है। आने वाले समय में कृषि व्यवसाय और खाद्य प्र-संस्करण के लिये समुचित सुविधाएँ मुहैया करवाई जायेगी।

अपर मुख्य सचिव-सह-कृषि उत्पादन आयुक्त मदनमोहन उपाध्याय ने कार्यशाला की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। कृषि के क्षेत्र में प्रदेश की उत्तरोत्तर प्रगति की जानकारी देते हुए कहा कि कृषि के साथ-साथ उद्यानिकी पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

संचालक उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी अनुराग श्रीवास्तव ने खाद्य प्र-संस्करण के लिये नीदरलैण्ड के पेटर्न पर कोल्ड स्टोरेज बनाने की आवश्यकता बताई।

कार्यशाला में 4870 करोड़ रुपये के 16 एमओयू हस्ताक्षरित किये गये। दूसरे सत्र में आईटीसी के चीफ आपरेटिव ऑफिसर श्री रजनीकान्त राय, नाबार्ड के जनरल मैनेजर श्री राजेन्द्र सिंह, जॉन डियर इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड के श्री सतीश नॉडिगर, कोल्डचेन के लीडर श्री एम.एस. मंजूनाथ और केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी के निर्देशक श्री प्रीतम चन्द्रा ने प्रेजेन्टेशन दिया।

इस अवसर पर किसान-कल्याण तथा कृषि विकास राज्य मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, एम.पी. एग्रो के अध्यक्ष रामकिशन चौहान, इलेक्ट्रानिक विकास निगम के अध्यक्ष प्रेमशंकर वर्मा भी उपस्थित थे। अंत में प्रमुख सचिव किसान-कल्याण तथा कृषि विकास आर.के. स्वाई ने आभार व्यक्त किया।

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