भोपाल, मई 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को सहकारी साख सुविधाओं का लाभ देने के लिए जरूरी कदम उठाने में देर करने  वाले ज़िला सहकारी बेंकों को अनुशासनात्मक कार्रवाई का नोटिस देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे खाद के अग्रिम भण्डारण का लाभ लेते हुए अपनी सुविधा के लिये जल्दी से जल्दी खाद का भण्डारण कर लें। खाद की कोई कमी नहीं है। अग्रिम भण्डारण करने से किसानों और वितरण तंत्र दोनों को परेशानी नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने अल्पकालीन फसल ऋण योजना में अनुसूचित जनजाति के किसानों की भागीदारी बढ़ाने पर ध्यान देने को कहा।

श्री चौहान सहकारिता विभाग की समीक्षा कर रहे थे। सहकारिता मंत्री गोपाल भार्गव, मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा, अपर मुख्य सचिव सहकारिता आर. के. स्वाई, मुख्यमंत्री के सचिव विवेक अग्रवाल एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने सहकारिता से जुड़े प्रशासनिक काम में और ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिए सभी प्राथमिक सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण के निर्देश दिये। कहा कि शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर किसानों को खेती के लिये कर्ज देना सबसे महत्वपूर्ण योजना है। किसानों को इसका लाभ मिले, इसके लिए जरूरी है कि समय पर कर्ज वसूली हो, जिससे वे दोबारा इसका लाभ लेने योग्य बनें।

बैठक में बताया गया कि वर्ष 2014-15 में शून्य प्रतिशत ब्याज पर किसानों को 13 हजार 274 करोड़ का कर्ज दिया गया है। मुख्यमंत्री ने मार्कफेड को नए क्षेत्रों में कार्य करने की अपनी वाणिज्यिक कार्य-योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने सहकारी संस्थाओं द्वारा सार्वजनिक वितरण व्यवस्था के संचालन के अन्य राज्यों के मॉडल का अध्ययन करने के भी निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि पिछले तीन साल में अल्पकालीन फसल ऋण में अनुसूचित जाति, जनजाति के किसानों की संख्या 4 लाख 77 हजार से बढ़कर 5 लाख 48 हजार हो गई है।

खरीफ 2015 में 18 लाख मीट्रिक टन रासायनिक खाद की आपूर्ति करने का लक्ष्य रखा गया है। समय पर वितरण और भण्डारण की पूरी व्यवस्थाएँ कर ली गयी हैं। जिला सहकारी बेंकों में कोर बेंकिंग की सुविधा प्रारम्भ हो गयी है। सहकारी सोसाइटियों के पंजीयन के लिए ऑनलाइन  आवेदन लेना शुरू हो गया है।

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