भोपाल, नवंबर 2012/ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि कार्पोरेट सोशल रेसपांसिबिलिटी नीति बनायी जाये। प्रदेश में कुपोषण की रोकथाम के लिये एकीकृत योजना बनाने को भी कहा। मुख्यमंत्री यहाँ महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक ले रहे थे। बैठक में महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती रंजना बघेल मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्पोरेट-सोशल रेसपांसिबिलिटी नीति के तहत सामाजिक विकास के लिये काम करने के इच्छुक उद्योग समूह सहायता कर सकेंगे। कुपोषण की रोकथाम के लिये समुदाय आधारित प्रबंधन की एकीकृत योजना बनायी जाये। कुपोषण की रोकथाम के लिये दिये जाने वाले विशेष पोषण आहार की प्रति हितग्राही प्रतिदिन राशि चार रूपये से बढ़ाकर छह रूपये करने केंद्र शासन के निर्णय के संबंध में कहा कि इसे सभी 50 जिलों में एक साथ लागू करने के बारे में केंद्र को पत्र लिखा जाये। बैठक में बताया गया कि अभी यह निर्णय प्रथम चरण में प्रदेश के केवल 30 जिलों लागू किया गया है।

श्री चौहान ने कहा कि फुटपाथ पर रहने वाले तथा कचरा बीनने वाले बच्चों के पुनर्वास के लिये विशेष योजना बनाये। उन्होने सिर्फ बेटी वाले माता-पिताओं के जिलों में गठित क्लबों के सम्मेलन के आयोजन और सभी शासकीय कार्यक्रमों में बेटियों का सम्मान सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को समय से मानदेय प्राप्ति की ऑनलाईन व्यवस्था कर उसकी लगातार मॉनिटरिंग करने को कहा। बालिकाओं के रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने को भी कहा।

बैठक में बताया गया कि विभाग द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना का क्रियान्वयन अब राष्ट्रीयकृत बैंको के माध्यम से करवाने की योजना बनायी जा रही है। विशेष पोषण आहार के कार्यक्रम से प्रदेश में 80 लाख हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है। कौशल उन्नयन कार्यक्रम के जरिये प्रदेश के 15 जिलों में 10 हजार बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा। लाड़ली लक्ष्मी योजना और एकीकृत बाल विकास सेवा योजना की पोषण आहार व्यवस्था को लोक सेवा गारंटी शामिल में किया गया है। सांझा चूल्हा कार्यक्रम प्रदेश की 70 हजार 285 आँगनवाड़ी में चलाया जा रहा है।

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