भोपाल, जुलाई 2014/ मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में व्यापमं और अन्य मुद्दों को लेकर लगातार सरकार पर हमले कर रहे प्रतिपक्ष कांग्रेस ने अपने विधायकों को सत्र की पूरी अवधि में सदन में अनिवार्य रूप से मौजूद रहने का निर्देश दिया है। इस संबंध में कांग्रेस पक्ष के मुख्य सचेतक रामनिवास रावत ने तीन लाइन का व्हिप जारी करते हुए सदस्यों से कहा है कि सत्र के शुरुआत में सदन में विधायकों की मौजूदगी को लेकर जारी किया गया व्हिप पूरी सत्र अवधि के लिए है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों कांग्रेस विधायक आरिफ अकील ने एक अशासकीय संकल्प सदन में रखा था जिसमें सरकार से मांग की गई थी कि मृत गायों का अंतिम संस्कार सरकार अपने खर्चे पर करे और प्रदेश में गाय की चर्बी और हड्डियों के व्यापार पर प्रतिबंध लगाया जाए। इस मामले ने सत्ता पक्ष को बुरी तरह उलझा दिया था और सत्ता पक्ष द्वारा श्री अकील से बारबार अनुरोध किया गया था कि वे अपना संकल्प वापस ले लें। लेकिन अकील इसके लिए राजी नहीं हुए। अध्यक्ष ने इस पर सदन में तीन बार राय ली और तीनों बार ध्वनिमत से राय लिए जाने के दौरान ही श्री अकील ने इस पर डिविजन की मांग की। इस पर नियमानुसार सदन में मतदान कराया गया। हालांकि मतदान में सत्ता पक्ष संख्याबल के कारण विजयी हुआ और श्री अकील का संकल्प पारित नहीं हो सका लेकिन इस मामले ने पराजय के बावजूद विपक्ष को एक मुद्दा दे दिया। कांग्रेस पक्ष का मानना है कि यदि उस दिन कांग्रेस पक्ष के सारे विधायक सदन में मौजूद रहते तो मतदान के दौरान सरकार की पराजय हो सकती थी। सरकार को घेरने वाली ऐसी ही परिस्थिति के दौरान विपक्ष को मुंह की न खानी पड़े इसलिए कांग्रेस को अपने विधायकों के लिए यह व्हिप दोहराना पड़ा है। व्हिप दोहराए जाने से यह संकेत भी साफ है कि विधानसभा सत्र के बचे हुए दिनों में सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहता और उसके लिए बकायदा ठोस रणनीति भी बना रहा है।