सुना है मध्यप्रदेश की तेजतर्रार कांग्रेसी विधायक कल्पना परुलेकर के तेवर ठंडे पड़ गए हैं। पिछले दिनों विधानसभा में हंगामे और उसके बाद अपने निलंबन से सकते में आ गई कल्पना ने विधानसभा में सदस्यता बहाली के बाद मेल मिलाप की राजनीतिक शुरू कर दी है। सूत्र बताते हैं कि हाल ही में वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से भी मिलीं और उनके साथ गिले शिकवे दूर किए। माना जा रहा था कि अपने निलंबन को लेकर परुलेकर और चौधरी राकेशसिंह ने विधानसभा अध्यक्ष को जो माफीनामा भेजा था उससे कांग्रेस का नेतृत्व नाराज था। शायद यही कारण था कि परुलेकर भूरिया को मनाने पहुंचीं। किसी ने ठीक ही कहा है- समय हो बांका तो सबको कहो काका।