भोपाल, अगस्त 2014/ राज्य शासन द्वारा प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को नि:शुल्क स्मार्ट-फोन देने का निर्णय लिया गया है। इस शैक्षणिक सत्र 2014-15 में ही महाविद्यालयों के नव-प्रवेशित लगभग एक लाख 55 हजार विद्यार्थी को स्मार्ट-फोन दिये जायेंगे।
विद्यार्थियों को यह सुविधा दुनिया के अन्य विकसित देशों के विद्यार्थियों के समकक्ष लाने और ग्लोबलाइजेशन के इस युग में ई-लर्निंग को बढ़ावा देने के लिये संचार के विभिन्न माध्यमों से परिचित करवाने के उद्देश्य से दी जा रही है। साथ ही इससे सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग विद्यार्थी अपने ज्ञान-विज्ञान के संवर्धन के लिये भी कर सकेंगे।
मध्यप्रदेश के मूल निवासी सभी विद्यार्थी, जो स्नातक प्रथम वर्ष में नियमित प्रवेश लेंगे, उन्हें योजना का लाभ मिलेगा। इसमें आय-सीमा और जाति का बँधन नहीं है। लाभान्वित विद्यार्थी द्वारा असमय पढ़ाई छोड़ने तथा अध्ययन निरंतर नहीं रखने पर स्मार्ट-फोन वापस ले लिया जायेगा। योजना से दूरस्थ अंचल में स्थित महाविद्यालयों के विद्यार्थी भी लाभान्वित होंगे। इससे सकल मूल्यांकन अनुपात में वृद्धि होगी।
विगत दो वर्ष में भारत में स्मार्ट-फोन उपयोगकर्ताओं में लगभग 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही उपयोगकर्ताओं द्वारा स्मार्ट-फोन के इस्तेमाल करने के समय में भी 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी देखी गयी है। एक भारतीय उपयोगकर्ता औसत रूप से प्रतिदिन 3 घंटे स्मार्ट-फोन के साथ समय व्यतीत करता है। पच्चीस प्रतिशत उपयोगकर्ता द्वारा प्रतिदिन 100 बार से अधिक स्मार्ट-फोन को चेक किया जाता है। स्मार्ट-फोन के विभिन्न एप्लीकेशंस का उपयोग करने में उपयोगकर्ता का एक तिहाई समय व्यतीत होता है।
प्रदेश में नेटवर्किंग कनेक्टिविटी के विस्तार से स्पीड वृद्धि और 2जी, 3जी एवं 4जी के आगमन से मोबाइल कम्प्यूटिंग की दुनिया में आमूल-चूल परिवर्तन आया है। WhatsApp, WeChat जैसे मोबाइल अनुप्रयोगों ने सामाजिक परिदृश्य में बदलाव करते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज की है। मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए स्मार्ट-फोन एक पॉकेट लर्निंग उपकरण के रूप में अपना स्थान बनाने में सफल हुआ है।
कार्य-स्थल एवं घरों में वाई-फाई, ब्रॉड-बेण्ड का यथोचित विस्तार न होने के कारण 10 में से 8 लोग स्मार्ट-फोन द्वारा मोबाइल-ब्रॉडबेण्ड अथवा 2जी, 3जी एवं 4जी का इस्तेमाल करते हैं। इस प्रकार स्मार्ट-फोन के रूप में एक नई पॉकेट टेक्नालॉजी का उपयोग युवाओं द्वारा किया जा रहा है।
शिक्षा का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रहा है, इस टेक्नालॉजी के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में कई कार्य किये जा रहे हैं। हाल ही में सम्पन्न ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के अंतर्गत एन.आई.सी. के सहयोग से स्मार्ट-फोन उपयोगकर्ताओं के लिये ऐसे एड्रंरायड (Android) मोबाइल एप्लीकेशन तैयार कर उपलब्ध करवाये गये। जिससे आवेदक महाविद्यालयों संबंधी जानकारी मोबाइल पर ही प्राप्त कर सके। विद्यार्थी अपने प्रवेश संबंधी विवरण भी ऑनलाइन मोबाइल पर ही देख पा रहे थे।
ऑनलाइन कम्प्यूटिंग की दुनिया में अध्यापन में सहयोग करने के लिये ऐसे स्मार्ट-फोन एप्लीकेशन विकसित हो रहे हैं, जिन पर ऑनलाइन क्विज, रियल-टाइम सम्प्रेषण, ई-रीडर, बुक-स्केन, आवाज सुनकर उसे रिकार्ड कर नोट्स बनाना, वेब-क्लीपिंग को एकत्रित करना, जैसे महत्वपूर्ण कार्य विद्यार्थी अपने मोबाइल पर ही कर सकते हैं। इससे विद्यार्थी पाठ्यक्रम सामग्री खरीदने एवं नोट्स की फोटोकॉपी करवाने से भी बचेंगे।