भोपाल। प्रदेश में मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा वितरण कार्यक्रम की शुरूआत होने जा रही है। इसमें शासकीय अस्पताल और कॉलेज में आने वाले हर एक मरीज को निःशुल्क दवा दी जाएगी। यह जानकारी चिकित्सा शिक्षा मंत्री अनूप मिश्रा ने प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता और अस्पताल के अधीक्षक की संयुक्त बैठक में दी।

श्री मिश्रा ने निर्देश दिए कि निःशुल्क दवा वितरण कार्यक्रम में दवाइयों की कमी नहीं आए, इसके लिए दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता रखे। जल्द ही प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर करने के लिए 6 मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाएगी। इस मौके पर चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री महेन्द्र हार्डिया, प्रमुख सचिव अजय तिर्की, आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति डॉ. डी.पी. लोकवाणी भी मौजूद थे।

श्री अनूप मिश्रा ने निर्देश दिए कि प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में सभी मेडिकल सुविधा उपलब्ध हों, जिससे मरीजों को प्रदेश के बाहर या प्राइवेट हॉस्पिटल में नहीं जाना पड़े। शासकीय अस्पताल के डॉक्टर भी निजी चिकित्सक की तरह बेहतर कार्य करें। उन्होंने कहा कि सभी कॉलेजों में और अस्पतालों में कॉडियोलॉजी सेंटर की शुरूआत की जाए।

श्री मिश्रा ने कहा कि मेडिकल सुविधा को बेहतर बनाने के लिए आत्म-मंथन एवं आत्म-चिंतन की आवश्यकता है। अधिष्ठाता और अधीक्षक इस बात का ध्यान रखें कि उनका स्टाफ समय पर आये। उन्होंने सचेत किया कि मुख्यमंत्री सहित वे कभी भी अस्पतालों का आकस्मिक निरीक्षण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों के वाटर कूलर, पंखे इत्यादि चालू हालत में हों और साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जाए, इसकी जिम्मेदारी एचओडी की रहेगी।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि मरीज और डॉक्टर की सुरक्षा के लिए हर मेडिकल कॉलेज में पुलिस चौकी का निर्माण करवाया जाएगा। उन्होंनेअवमानना के प्रकरणों के निराकरण के लिए लॉ आफीसर को जिम्मेदारी देने के निर्देश दिए।

मंत्री श्री मिश्रा ने निर्देश दिये कि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिये पदों का चयन कर नियम बनाकर पूर्ति की जाये। जिन पदों पर आउट-सोर्सिंग से काम संभव हो, उसके लिये आउट-सोर्सिंग का ही सहारा लिया जाये।

श्री मिश्रा ने निर्देश दिये कि जिन मेडिकल कॉलेजों में निर्माण कार्य चल रहा है, उन्हें जल्द से जल्द पूर्ण करवाया जाये। उपकरण खरीदने के लिये बार-बार निविदा आमंत्रित करने की समस्या को देखते हुए उन्होंने प्रदेश में सेन्ट्रल निविदा आमंत्रण कर उपकरण खरीदी के प्रस्ताव को स्वीकृत करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिए कि मातृ-शिशु मृत्यु दर और कुपोषण को दूर करने के लिए बस्तियों में जाकर चिकित्सा शिविर का आयोजन करें और उसका फालोअप भी लें। श्री मिश्रा ने कहा कि अस्पतालों के सारे आपरेशन थिएटर जनरेटर से जुड़े रहें।

बैठक में बताया गया कि सागर में बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय की शुरूआत वर्ष 2009 में की गई थी, यहाँ का निर्माण कार्य इस वर्ष दिसम्बर तक पूर्ण हो जाएगा। ग्वालियर मेडिकल कॉलेज की समीक्षा के दौरान श्री मिश्रा ने निर्देश दिए कि केथ लैब की तैयारी मार्च 2013 तक पूर्ण की जाए।

चिकित्सा शिक्षा संचालक डॉ. एस.सी. तिवारी ने बताया कि पिछले दस दिन में पाँच मेडिकल कॉलेज का औचक निरीक्षण किया गया। लापरवाही और अनुपस्थिति पर इंदौर में 7, सागर में 12 और जबलपुर में 6 लोगों को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया है। जबलपुर कॉलेज में लम्बे समय से अनुपस्थित दो लोगों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि पिछले छः माह में असिस्टेंट प्रोफेसर के 157 पद पर पूर्ति की गई है। इसी प्रकार 18 असिस्टेंट प्रोफेसर की प्रोफेसर पद के लिये डी.पी.सी. हो चुकी है, जिनकी शीघ्र पद-स्थापना आदेश जारी किये जा रहे हैं।

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