भोपाल, सितम्बर 2014/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि आगामी 1 जनवरी से ई-खसरा मिलेगा। खसरे की नकल किसी भी लोक सेवा केन्द्र से प्राप्त की जा सकेगी। प्रदेश में 20-25 से अधिक कार्यों के लिये शपथ-पत्र लिये जाने की व्यवस्था भी समाप्त कर दी गयी है। श्री चौहान लोक सेवा दिवस के अवसर पर सुशासन भवन के लोकार्पण के बाद उपस्थित जन-समूह को संबोधित कर रहे थे। यह भवन 20 करोड़ की लागत से निर्मित किया गया है।
कार्यक्रम का प्रदेश के सभी विकासखण्ड मुख्यालय में लाइव प्रसारण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सही अर्थों में प्रशासन के दरवाजे जनता के लिये खोले हैं। लोक सेवा गारंटी अधिनियम, मुख्यमंत्री हेल्प लाइन, लोक सेवा केन्द्रों की स्थापना, जन-सुनवाई, समाधान ऑन लाइन जैसे अनेक क्रांतिकारी कार्य किए हैं। तय सीमा में काम नहीं करने वालों पर जुर्माना लगाने वाला मध्यप्रदेश देश-दुनिया का पहला राज्य है।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के बताए मार्ग पर चलने का प्रयास किया है। सुशासन का मूल मंत्र पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से सीखा है। उसी के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार किए हैं। इनका ही प्रतिफल है कि ‘मेक इन इण्डिया’ कार्यक्रम में आए देश के बड़े निवेशकों ने मध्यप्रदेश को निवेश के लिये सबसे उपयुक्त राज्य बताया है।
श्री चौहान ने कहा कि आगामी दिनों में गरीबी रेखा में नाम जुड़वाने के लिये बार-बार आवेदन करने की भ्रांति को दूर करने के लिये विचार-विमर्श कर नई व्यवस्था लागू करने के प्रयास किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में विभिन्न श्रेणियों में 35 लोक सेवा पुरस्कार प्रदान किये। राज्य लोक सेवा अभिकरण के प्रतीक-चिन्ह (लोगो) का अनावरण किया। लोक सेवा प्रबंधन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार जन तक तंत्र को ले जाने के लिये समर्पित है।