भोपाल, अगस्त 2014/ महात्मा गाँधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के जरिये अब एक एकड़ भूमि के धारक जॉब कार्डधारी निर्धन किसानों को भी नंदन फलोद्यान योजना का लाभ मिल सकेगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव की पहल पर हितग्राहियों द्वारा धारित भूमि की न्यूनतम सीमा एक हेक्टयर से घटाकर एक एकड़ कर दी गई है। इस कल्याणकारी फैसले से उद्यानिकी, रेशम, पौध रोपण और कृषि वानिकी के जरिये हितग्राही किसानों की आजीविका को सुदृढ़ बनाने की दिशा में सुनियोजित प्रयास होंगें।

म.प्र.राज्य रोजगार गांरटी परिषद ने नंदन फलोद्यान योजना में लक्षित वर्ग के एक एकड़ तक के भूमिधारक किसानों को लाभाविंत करने के बारे में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये हैं। इससे पहले नंदन फलोद्यान योजना का लाभ एक हेक्टेयर भूमि के स्वामित्व वाले पात्र हितग्राही किसानों को ही दिया जा सकता था। सभी कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक तथा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जो अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक भी है, को पत्र भेजकर नये दिशा निर्देशों के अनुसार योजना का लाभ पात्र हितग्राहियों को देने के बारे में कहा गया है।

अब इस उप योजना का लाभ अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति, घूमंतु जनजाति, अधिसूचित जनजाति, गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवार, महिला मुखिया वाले परिवार, शारीरिक रूप से विकलांग प्रधान वाले हितग्राही परिवार और भूमि सुधार कार्यक्रम के हितग्राही परिवार को मिल सकेगा। इसी तरह इंदिरा आवास योजना के हितग्राही परिवार, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पारम्परिक वनवासी, जो वन अधिकार मान्यता अधिनियम 2006 तथा 2007 ( 2 ) के हितग्राही है,को और लघु तथा सीमांत कृषक, जो कृषि ऋण माफी व ऋण राहत स्कीम, 2008 में यथा परिभाषित है, को भी इस उप योजना का लाभ लेने की पात्रता रहेगी।

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