भोपाल, जून 2015/ संभागायुक्त एस.बी.सिंह ने कहा है कि आगामी शिक्षण सत्र के दौरान छात्रों को परेशान करने के मामलों में कालेज विशेषकर टैक्निकल कालेज के पदाधिकारी प्रो-एक्टिव होकर कार्य करें ताकि नये आने वाले विद्यार्थियों को पढ़ाई लिखाई का उपयुक्त वातावरण मिल सके। श्री सिंह ने कहा कि कालेज, तकनीकी कालेज में पढ़ने वाले छात्र अक्सर अपने साथ रैगिंग तथा ऐसी ही अन्य समस्याओं के बारे में भय या दबाव के कारण बता नहीं पाते हैं ।ऐसे छात्र बिना किसी दबाव के अपनी समस्या की जानकारी अपने विश्वस्त वरिष्ठ साथी अथवा कालेज की ओर से नियुक्त अधिकारी को दे सकें ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। वे आज संभाग में रैगिंग रोकने के लिये आयोजित समिति की बैठक में संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे। बैठक में भोपाल रेंज के आई.जी.श्री योगेश चौधरी, एस.पी.(दक्षिण भोपाल) श्री अंशुमन सिंह, एस.पी.साउथ श्री अरविंद सक्सेना, एडीएम श्री बी.एस.जामोद सहित कालेजों के अधिकारी उपस्थित थे।

संभागायुक्त ने बैठक में भोपाल में चल रहे विभिन्न तकनीकी कालेज के पदाधिकारियों के इस महत्वपूर्ण बैठक में भाग न लेने पर गहरी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि रैगिंग की अधिकांश घटनाएं तकनीकी कालेज में होती हैं, अधिकांश मामलों में वहीं के छात्र रैगिंग का शिकार बन जाते हैं तथा किन्ही कारणोंवश वे ही शिकायत भी नहीं कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे छात्रों की समस्यायें सुलझाने के लिये काउंसिलिंग की व्यवस्था की जाये। आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर कालेजों से बिना कारण अनुपस्थित रहने वाले छात्रों के माता-पिता को सूचना दी जानी चाहिए। इसके लिये व्हाटस एप तथा एसएमसएस आदि का उपयोग किया जाये। उन्होंने कहा कि एंटी रैगिंग कमेटी केवल कालेज कैम्पस तक सीमित न रहे बल्कि कालेज के बाहर भी छात्रों के साथ हो रही गतिविधियों की जानकारी मिलने पर तुरंत कार्रवाई करे।

उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर रैगिंग रोकने के लिये हैल्पलाइन है ही, साथ ही कालेज स्तर पर भी ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए। इस हैल्प लाइन के लिये कालेज के ऐसे पदाधिकारियों को रखा जाये जो छात्रों के बीच लोकप्रिय हों तथा वे छात्रों की बातों को सुनें, समझें और उनका शीघ्र निराकरण भी करें।

भोपाल रेंज के आई.जी. श्री योगेश चौधरी ने कहा कि कालेज स्तर की समिति में एस.पी. और कलेक्टर के प्रतिनिधि भी रहेंगे। उनके मोबाइल नंबर समिति के सदस्यों को उपलब्ध करा दिये जायेंगे। श्री चौधरी ने बैठक में उपस्थित कालेज के पदाधिकारियों से कहा कि प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को नये शहर, नये वातावरण में आकर अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में यदि कालेज के ही वरिष्ठ छात्रों को नये छात्रों का मार्गदर्शक बनाना काफी उपयोगी साबित होगा। उन्होंने कोचिंग सेंटरों पर भी निगाह रखने की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक में अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा सहित अन्य अधिकारियों ने अपने विचार व्यक्त किये।

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