भोपाल, दिसम्बर 2014/ ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि आगामी 20 से 25 वर्ष तक मांग से अधिक विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित करने के राज्य शासन ने पुख्ता प्रबंध किये हैं। ऊर्जा का संरक्षण और बचत अपने आप में ऊर्जा के उत्पादन का ही क्षेत्र है। ऊर्जा संरक्षण को जन-आंदोलन का स्वरूप देने की जरूरत है। श्री शुक्ल सतना में एकेएस यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
श्री शुक्ल ने कहा कि हर नागरिक को बिजली की बचत को आदत में शुमार करना चाहिये। वे अपने निवास में प्रवेश के बाद बिजली के स्विच स्वयं जलाते हैं और बाहर निकलने से पूर्व उन्हें आफ करना नहीं भूलते। ऊर्जा संरक्षण के लिए हर व्यक्ति स्वयं जागरूक रहे तथा दूसरों को भी जागरूक करे।
मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जो उद्योगों को निर्बाध रूप से 24 घण्टे बिजली देने में सफल रहा है। प्रदेश में कृषि क्षेत्र और किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली मिलने से उत्पादन बढा है। राज्य में दिसम्बर माह में 675 मेगावाट बिजली देने के साथ ही हम पीक सीजन में 9500 मेगावाट बिजली देने में सफल रहे हैं। वर्ष 2003 में कुल बिजली का उत्पादन 4600 मेगावाट था जो आज बढ़कर 13 हजार 398 मेगावाट हो गया है। राज्य सरकार के प्रयासों से बिजली का उत्पादन मार्च 2015 तक 15 हजार मेगावाट हो जायेगा। उन्होंने कहा कि फासिल फ्यूल से बिजली के उत्पादन के विकल्प के रूप में सरकार द्वारा सोलर और विन्ड एनर्जी की तरफ भी प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में सोलर एनर्जी का 350 मेगावाट उत्पादन है, जिसे 2017 तक 2500 मेगावाट तथा विन्ड एनर्जी का उत्पादन 3500 मेगावाट करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट नीमच में लगाया गया है। अब रीवा जिले के गुढ़ क्षेत्र में विश्व का सबसे बडा सोलर प्लांट लगने जा रहा है। जिसकी क्षमता 750 मेगावाट की होगी। प्रदेश में विन्ड और सोलर एनर्जी के माध्यम से 300 मेगावाट पावर उत्पादन के पीपीओ हुए हैं।
समाजसेवी श्रीकृष्ण माहेश्वरी ने कहा कि ऊर्जा किसी भी देश के विकास की धुरी होती है। ऊर्जा का संवर्धन और संरक्षण दोनों जरूरी है। चांसलर बी.पी. सोनी ने कहा कि विद्युत के नवीन और परिष्कृत उपकरणों का उपयोग कर 25 से 50 प्रतिषत ऊर्जा बचाई जा सकती है। रिलायंस सीमेंट के सीईओ सुनील सचान ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री ने ऊर्जा संरक्षण दिवस पत्रिका का विमोचन किया। उन्होंने ऊर्जा संरक्षण पर केन्द्रित प्रतियोगिताओं के सफल प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र भी वितरित किये।