देहरादून/ उत्तराखंड के जंगलों में लगी आगके हिमाचल प्रदेश और जम्‍मू कश्‍मीर के जंगलों तक फैल जाने की सूचना है। सेटेलाइट छवियों से यह जानकारी सामने आई है। इस बीच उत्‍तराखंड की आग में सात लोगों की जान चल गई और 2269 हेक्टेयर जंगल बर्बाद हो गए। सरकार ने कहा है कि फिलहाल हालात काबू में हैं। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि आग पर काबू पाने में 3-4 दिन से लेकर एक सप्‍ताह तक का समय और लग सकता है।

उत्तराखंड के जंगलों बेकाबू होती आग पर काबू पाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने रव‍िवार को पानी बरसाया। आग को बुझाने के लिए एक झील से पानी लेकर प्रभावित इलाकों पर पानी की बौछार करने के लिए भारतीय वायुसेना के एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने नैनीताल जिले में कई छोटी उड़ानें भरी। बहरहाल, ठीक से दिखाई न देने की वजह से पौड़ी में हवाई अभियानों के लिए दूसरे हेलीकॉप्टर को तैनात नहीं किया जा सका। सरकार ने शनिवार को ये फैसला लिया था, जिसके बाद रविवार सुबह वायुसेना का एमआई-17 चॉपर आग बुझाने के अभियान में जुटे।

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘हर साल गर्मियों में तमाम जंगलों में आग लग जाती है। 2012 में भी उत्तराखंड में 2 हजार हेक्टेयर क्षेत्र का नुकसान हुआ था। आग लगने की वजहों की जांच बाद में होगी। अभी पहली प्राथमिकता आग पर काबू पाना है।’ जावड़ेकर ने बताया कि इस बार आग 1900 हेक्टेयर में लगी है।

दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हालात की समीक्षा की और उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव एवं अन्य अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने राज्य सरकार को केंद्र से सभी सहायता की पेशकश की। जावड़ेकर ने कहा कि उपग्रह के माध्यम से पिछले वर्ष से अग्नि चेतावनियां जारी की जा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘अग्नि-पूर्व चेतावनी जारी करने का परीक्षण भी प्रारंभ किया जा चुका है। इस नई तकनीक को वन संस्थानों के द्वारा विकसित किया गया है। संबंधित विभागों को एक एसएमएस भी भेजा जाएगा।’

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