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उज्जैन में 22 अप्रैल से 21 मई तक होने वाले सिंहस्थ में श्रद्धालुओं को जरूरत के मुताबिक पेयजल उपलब्ध करवाने की पुख्ता व्यवस्था की जा रही है। सिंहस्थ के दौरान शहर में 65 मिलियन लीटर पेयजल आपूर्ति किये जाने का इंतजाम किया जा रहा है। लोक स्वास्थ्य यात्रिकी विभाग ने इसके लिये सभी आवश्यक तैयारियाँ की हैं।

सिंहस्थ मेला क्षेत्र में पी.एच.ई. अमले द्वारा सतत निगरानी रखी जायेगी। पेयजल व्यवस्था के लिये गऊघाट पर 5 करोड़ 81 लाख रुपये की लागत से 27.25 मिलियन लीटर प्रति दिवस की क्षमता का फिल्टर प्लांट तैयार किया गया है। इसी तरह साहिबखेड़ी पर पौने चार करोड़ की लागत से 8 मिलियन लीटर प्रति दिवस क्षमता का नया जल-शोधन प्लांट और पम्प हाउस बनाया गया है। अम्बोदिया और गऊघाट पर एक करोड़ 85 लाख रुपये से जल-शोधन संयंत्रों का उन्नयन भी किया गया है। क्षिप्रा नदी के 5 बैराज की मरम्मत पर पीएचई ने 3 करोड़ 33 लाख की राशि खर्च की है। गढ़कालिका मेला क्षेत्र में 58 लाख रुपये से सम्प वेल, पम्प और टंकी का निर्माण किया जा रहा है।

 

गऊघाट जल-शोधन यंत्र में नर्मदा-क्षिप्रा लिंक योजना से पानी लेकर इसका उपचार किया जायेगा। पानी के उपचार के बाद पेयजल को उज्जैन शहर और सिंहस्थ मेला क्षेत्र के महाकाल और दत्त अखाड़ा जोन में चिन्तामन गणेश क्षेत्र में बनाई गई नवीन टंकी के जरिये शुद्ध पानी के वितरण की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही चारधाम मंदिर के पास बनी टंकी से भी दत्त अखाड़ा और चिन्तामन गणेश क्षेत्र में जल वितरण होगा।

 

उज्जैन शहर के साहिबखेड़ी फिल्टर प्लांट जिसकी क्षमता 8 एमएलडी है, को साहिबखेड़ी तालाब से पानी मिलेगा। साहिबखेड़ी फिल्टर प्लांट पर 4-4 एमएलडी के तीन पम्प तैयार किये गये हैं। इनमें से 2 पम्प का उपयोग जल वितरण के लिये किया जायेगा। एक पम्प को स्टेण्डबाय रखा जायेगा। प्लांट से आगर रोड पर बनी टंकी के जरिये मंगलनाथ जोन में जल वितरण की व्यवस्था की जा रही है। गंभीर नदी पर ग्राम अम्बोदिया में पहले से बने हुए 2 पुराने फिल्टर प्लांट को वाटर सप्लाई के लिये तैयार किया गया है। मक्सी रोड पर उडासा में पुराने तालाब पर भी एक फिल्टर प्लांट तैयार किया गया है। इस प्रकार नये और पुराने 7 फिल्टर प्लांट से सिंहस्थ में श्रद्धालुओं को जल वितरण की व्यवस्था रहेगी।

 

सिंहस्थ मेला क्षेत्र में पीएचई ने 126 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई है। इन पाइप लाइनों पर अब तक 4,000 नल कनेक्शन भी तैयार किये हैं। नलों की टेस्टिंग भी कर ली गई है। श्रद्धालुओं को शुद्ध पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये पीएचई ने प्रतिदिन पानी के नमूने लेकर और उनके परीक्षण की व्यवस्था की है। लिये गये सेम्पल की जाँच गऊघाट स्थित प्रयोगशाला में की जायेगी। पानी के परीक्षण का कार्य प्राइवेट सेक्टर की एजेंसी सौंपा गया है। पीएचई ने सिंहस्थ मेला क्षेत्र में चुने हुए 30 स्थान पर नलकूप का खनन किया है। मेला क्षेत्र में पुराने 25 नलकूप की सफाई कर इनके जरिये पीने के पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। सिंहस्थ के दौरान पंचक्रोशी यात्रा के लिये पीएचई ने 100-100 किलो लीटर क्षमता की 4 टंकियाँ बनाई हैं। इसके अलावा इन क्षेत्रों में पाइप लाइन और ड्रेनेज का इंतजाम भी किया गया है। सेटेलाइट टाउन्स में भी विभाग द्वारा जल प्रदाय के लिये पाइप लाइन बिछाने का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। सिंहस्थ मेला क्षेत्र में 110 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाई जा चुकी है। सीवर लाइन में बहने वाले गन्दे पानी को 7 सीवेज पम्पिंग स्टेशन पर ले जाया जायेगा।

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