भोपाल, मार्च 2013/ मध्यप्रदेश में रबी विपणन वर्ष 2012-13 से प्रारंभ की गई गेहूँ की ई-उपार्जन प्रक्रिया ने अब तक चार राष्ट्रीय एवं राज्य-स्तरीय पुरस्कार/अवार्ड अर्जित किये हैं। अवार्ड मिलने का प्रमुख कारण वर्ष 2012-13 में गेहूँ और धान आदि की रिकार्ड खरीदी और अपनाई गई ई-उपार्जन प्रक्रिया है। ई-उपार्जन के अंतर्गत किसानों के पंजीयन से लेकर गेहूँ खरीदने तथा समय पर भुगतान का कार्य बेहतर तरीके से किया गया है। इतना ही नहीं इस महत्वपूर्ण कार्य में बिचौलियों का हस्तक्षेप भी संभव नहीं हो पाया।
मध्यप्रदेश को गेहूँ की खरीदी की ई-उपार्जन परियोजना के लिये जो अवार्ड हासिल हुए हैं, उनमें राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा घोषित बेस्ट आई.टी. पुरस्कार, कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इण्डिया द्वारा घोषित राष्ट्रीय-स्तर का पुरस्कार, नेस्काम द्वारा घोषित आई.टी. नवाचार पुरस्कार और इण्डियन चेम्बर ऑफ कामर्स द्वारा घोषित इनोवेटिव वेयर-हाउसिंग कार्पोरेशन ऑफ द ईयर 2013 अवार्ड शामिल है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा भी स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन को भामाशाह पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है।
ई-उपार्जन प्रक्रिया के जरिये पंजीकृत किसानों को उनकी उपज के विक्रय की तिथि की सूचना एस.एम.एस. द्वारा दी जाती है। पंजीयन के समय किसानों को कोड भी आवंटित किया जाता है। कम्प्यूटरीकृत इस व्यवस्था के तहत चालू रबी मौसम में 14 लाख 33 हजार किसान ने अपना पंजीयन करवाया है। पंजीयन के साथ ही उनके द्वारा दी गई जानकारी का डाटा बेस तैयार किया गया है। लगभग 6 लाख 16 हजार किसान के पंजीयन में संशोधन किया गया है। इसी तरह 4,761 किसान के पंजीयन निरस्त किये गये हैं। गत वर्ष राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों के अधिकारियों ने भी मध्यप्रदेश का दौरा कर ई-उपार्जन प्रणाली का प्रत्यक्ष अवलोकन किया तथा उसकी सराहना की।
प्रदेश में गेहूँ के बेहद सफल रहे ई-उपार्जन को देखते हुए राज्य शासन ने वर्ष 2012-13 में धान तथा मोटा अनाज (ज्वार, मक्का, बाजरा) की खरीदी भी इसी प्रक्रिया से की थी।