भोपाल, सितम्बर  2014/ इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमीशन क्यों कम हो रहे हैं, इसका विस्तृत सर्वे किया जाये। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने यह निर्देश काउंसलिंग सेंटर के निरीक्षण के दौरान दिये। उन्होंने स्टेट प्रोजेक्ट फेसिलिटेशन यूनिट और प्रवेश तथा फीस विनियामक समिति के कार्यालय का भी निरीक्षण किया।

श्री गुप्ता ने कहा कि स्टॉफ और स्थान का समुचित उपयोग करें। स्टेट प्रोजेक्ट फेसिलिटेशन यूनिट और काउंसलिंग सेंटर के स्टॉफ को कुछ और जिम्मेदारियाँ दी जायें। भवन में कॅरियर काउंसलिंग सेंटर भी स्थापित किया जा सकता है। पूरी बिल्डिंग की साफ-सफाई और पुताई करवाई जाए।

राज्य की तकनीकी शिक्षण संस्थाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिये स्टेट क्वालिटी इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम बनाया जायेगा। यह जिम्मेदारी स्टेट प्रोजेक्ट फेसिलिटेशन यूनिट को दी जाये। इसके लिये मानक तैयार कर सभी संस्थाओं में चरणबद्ध क्रम में लागू किया जाये।

प्रवेश तथा फीस विनियामक समिति में शिकायत के लिये ऑनलाइन की सुविधा भी शुरू की जाये। इससे दूरस्थ अंचल के विद्यार्थियों को सुविधा होगी। समिति के सदस्य नियमित अंतराल में संस्थाओं का भ्रमण कर शिकायतों के निराकरण का क्रास एक्जामिन भी करें। यदि कोई विद्यार्थी कोई संस्था छोड़ता, तो उसकी जानकारी वेबसाइट पर होनी चाहिये। किसी भी विद्यार्थी की ओरिजनल मार्कशीट एवं अन्य दस्तावेज संस्थाओं द्वारा जमा नहीं करवाये जायें। यह सुनिश्चित किया जाये कि कोई भी संस्था समिति द्वारा निर्धारित फीस से अधिक नहीं ले। समिति के अध्यक्ष टी.आर. थापक ने बताया कि समिति द्वारा 1653 पाठ्यक्रम के लिये फीस निर्धारित की गयी है। श्री गुप्ता ने एआईसीटीई के क्षेत्रीय अधिकारी से भी चर्चा की। भोपाल क्षेत्र में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात राज्य शामिल हैं। इस मौके पर संचालक तकनीकी शिक्षा आशीष डोंगरे एवं अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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