भोपाल, दिसम्बर 2014/ इंजीनियरिंग एवं पॉलीटेक्निक में भी व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ खुलेंगे। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने यह बात चैतन्य प्रवाह विमर्श-गोष्ठी में कही। गोष्ठी का विषय हिन्दी था। श्री गुप्ता ने कहा कि निजी महाविद्यालयों के प्राचार्य से भी व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ की गतिविधियाँ संचालित करने का आग्रह किया गया है।

श्री गुप्ता ने कहा कि हिन्दी ग्रंथ अकादमी हिन्दी की वाहक संस्था बने। भारतीय संस्कृति और भाव को युवाओं तक पहुँचाने के लिये व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ प्रभावी भूमिका निभायें। इंजीनियरिंग और मेडिकल के पाठ्यक्रम हिन्दी में बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। श्री गुप्ता ने अकादमी की पत्रिका ‘रचना” का स्वरूप बदलने के निर्देश भी दिये।

वरिष्ठ पत्रकार रमेशचन्द्र अग्रवाल ने कहा कि हिन्दी को राज-काज से जोड़ना होगा। हिन्दी भाषा अभी ढलान पर है। प्रबुद्ध लोग जब हिन्दी में बात करेंगे, तो हिन्दी का मान स्वयं बढ़ेगा। अंग्रेजी पढ़ने की भाषा हो सकती है, लेकिन अंतरात्मा की भाषा तो हिन्दी ही है।

वरिष्ठ पत्रकार महेश जोशी ने हिन्दी का मान बढ़ाने के लिये हिन्दी के अधिकाधिक उपयोग पर बल दिया। वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र शर्मा ने हिन्दी समाचार-पत्रों में शुद्ध हिन्दी का प्रयोग करने की बात कही। अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति मोहनलाल छीपा ने बताया कि 200 पाठ्यक्रम हिन्दी में बन चुके हैं। जल्द ही चिकित्सा और तकनीकी शिक्षा का पाठ्यक्रम भी हिन्दी में बनाया जायेगा। हिन्दी ग्रंथ अकादमी के संचालक सुरेन्द्र बिहारी गोस्वामी ने चैतन्य प्रवाह आयोजन के बारे में जानकारी दी।

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