भोपाल, जुलाई 2014/ मध्यप्रदेश ने केन्द्र सरकार से राज्यों को आलू, प्याज एवं सब्जियों के भण्डारण के लिये आवश्यकतानुसार भण्डार गृह बनाने में सहायता देने और बढ़ती महंगाई पर रोक लगाने के लिए भण्डारण की सीमा का निर्धारण तत्काल करने की मांग की है।
प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री कुँवर विजय शाह ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में खाद्य पदार्थों के मूल्यों में वृद्धि पर केन्द्रित राज्य एवं संघ शासित प्रदेशों के उपभोक्ता मामलों के मंत्रियों के सम्मेलन में कहा कि ऐसे आधुनिक भण्डार गृह जिनमें सब्जियों की ताजगी बनाये रखते हुए भण्डारण हो सके, निर्माण के लिये राज्य निःशुल्क भूमि उपलब्ध करवायेगा। ऐसे भण्डार गृहों के निर्माण संबंधी लागत का पचास प्रतिशत केन्द्रीय सहायता के रूप में राज्यों को दिया जाय ताकि हर जिले में इनका निर्माण प्राथमिकता से करवाया जा सके।
खाद्य मंत्री श्री शाह ने कहा कि उपार्जन में बोनस देने से जहाँ राज्य के किसानों को लाभ हुआ है वहीं मध्यप्रदेश का कृषि उत्पादन विगत 3 वर्ष में लगातार 20 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। अगर उपार्जन बोनस समाप्त किया, तो न केवल कृषकों का हित प्रभावित होगा बल्कि कृषि उत्पाद बढ़ाने के प्रयासों को भी धक्का लग सकता है। उन्होंने हाल ही में केन्द्र द्वारा लिये गये निर्णय जिसमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली की आवश्यकता तक खाद्यान्न की मात्रा को केन्द्रीय पूल में लेने और शेष उपार्जित मात्रा का निराकरण राज्य को अपने व्यय से करने वाले बाध्यकारी फैसले पर केन्द्र से पुनर्विचार करने की अपील की।
नमक के लिये मध्यप्रदेश की अन्य राज्यों पर निर्भरता का खुलासा करते हुए खाद्य मंत्री ने रिफाइंड नमक को रेलवे की प्राथमिकता सूची ‘सी’ में शामिल किये जाने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश को, जहाँ नमक नहीं होता, हर माह पी.डी.एस. के लिये बड़ी मात्रा में रिफाइंड नमक लाना होता है। रेलवे नियमों में सादा नमक रेलवे की प्राथमिकता वाली ‘सी’ सूची में है लेकिन रिफाइंड नमक को ‘डी’ सूची में रखा है जिससे रेलवे रैक मिलने में बहुत विलम्ब होता है। रेलवे को हानि न हो इसके लिये रिफाइंड नमक पर भाड़ा चाहे ‘डी’ सूची का लें पर इसे भी सादे नमक के साथ ही ‘सी’ सूची में रखा जाये ताकि रेलवे रैक से ढुलाई में होने वाले विलम्ब को समाप्त किया जा सके।
बैठक में केन्द्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने हाल के अपने मध्यप्रदेश प्रवास का उल्लेख करते हुए राज्य की सार्वजनिक वितरण प्रणाली तथा खाद्यान्न सुरक्षा अधिनियम के अनुपालन की सराहना की।