भोपाल, दिसंबर 2012/ पंचम विश्व आयुर्वेद सम्मेलन के पहले दिन शुक्रवार 7 दिसम्बर को लाल परेड मैदान पर आरोग्य एक्सपो का शुभारंभ होगा। यह अब तक का सबसे बड़ा आरोग्य एक्सपो है। इसमें भारत सरकार का आयुष मंत्रालय भी आकर्षक स्टॉल लगा रहा है।

आरोग्य एक्सपो में पं. खुशीलाल आयुर्वेद महाविद्यालय की प्रदर्शनी लगेगी। एक्सपो में देश की प्रतिष्ठित आयुर्वेद औषधि निर्माता कम्पनियाँ अपने स्टॉल लगायेंगी। इनमें श्री धूतपापेश्वर, डाबर, रसाला, धतरी, आयुष, रसगोला, कश्मीर फार्मास्युटिकल, चेतन्य फार्मा, महर्षि फार्मा, दीनदयाल औषधि, वासु (गुजरात) सहित लगभग 250 कम्पनी शामिल हैं। हर्बल मण्डी और औषधि पौधों की प्रदर्शनी भी एक्सपो का विशेष आकर्षण होंगी। मध्यप्रदेश लघु वनोपज संघ भी अपना स्टॉल लगायेगा। एक्सपो में मध्यप्रदेश स्टेट पवेलियन और होम पवेलियन भी होंगे।

विश्व आयुर्वेद सम्मेलन की कड़ी के रूप में आज वी.एन.एस. संस्थान में एक कार्यशाला भी हुई। कार्यशाला में आयुर्वेद औषधियों की गुणवत्ता के विषय में विशेषज्ञों ने विचार-विमर्श किया। विश्व आयुर्वेद सम्मेलन के महासचिव डॉ. गीता कृष्णन ने कहा कि आयुर्वेद के प्रति युवाओं में आकर्षण बढ़ रहा है। डॉ. कीर्ति लढ्ढा ने पारम्परिक ज्ञान और नवीनतम तकनीक के मेल पर जोर दिया।

आयुर्वेद में एम.डी. पाठ्यक्रम अगले वर्ष से

आयुष राज्य मंत्री महेन्द्र हार्डिया ने कहा है कि भोपाल स्थित पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद महाविद्यालय में अगले वर्ष से एम.डी. पाठ्यक्रम शुरू किया जायेगा। प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में रिक्त आयुष के 750 पद भरने की प्रक्रिया चल रही है। महाविद्यालय में पंच-कर्म और क्षार-कर्म पर कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए श्री हार्डिया ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की पहल पर प्रदेश में आयुर्वेद की सभी विधाओं को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। इंदौर जिले में आयुर्वेद के माध्यम से बच्चों में कुपोषण दूर करने की दिशा में सराहनीय काम किया गया है। यह कार्य अन्य जिलों में भी होना चाहिए। आयुर्वेद रोगों को जड़ से समाप्त करता है। इसका शरीर पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं होता। कार्यशाला का आयोजन भोपाल में 7 से 10 दिसम्बर तक होने वाले विश्व आयुर्वेद सम्मेलन के संदर्भ में किया गया। हार्डिया ने कहा कि आयुर्वेद सम्मेलन से प्रदेश के लोगों के साथ-साथ विद्यार्थियों को भी बहुत लाभ होगा। आयुर्वेद के विकास और संरक्षण के कार्य में पैसे की कमी नहीं आने दी जाएगी। श्री हार्डिया ने अस्पताल की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और वहाँ उपचाररत मरीजों से बातचीत भी की। उन्होंने पंच-कर्म उपचार की प्रक्रिया को भी देखा।

आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. अशोक वार्ष्णेय ने कहा कि विश्व आयुर्वेद सम्मेलन से ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ उठाना चाहिए। इस अवसर पर आयुक्त आयुष श्री आर.ए.खण्डेलवाल, विश्व आयुर्वेद सम्मेलन के आयोजन सचिव मधुसूदन देशपाण्डे, 250 से अधिक आयुर्वेद चिकित्सक, विद्यार्थी तथा अन्य लोग उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here