भोपाल, अगस्त 2014/ बाल विवाह पर रोक लगाने के लिये आयु के संबंध में चिकित्सा प्रमाण-पत्र को प्राथमिक दस्तावेज के रूप में मान्य न किया जाए। प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास श्री बी.आर. नायडू ने सभी जिला कलेक्टर को यह निर्देश दिए हैं।
कलेक्टरों को भेजे गए परिपत्र में कहा है कि विवाह के लिए आयु प्रमाणित करने के लिए कई जिलों में चिकित्सा प्रमाण-पत्र को प्राथमिक दस्तावेज के रूप में मान्य किया जा रहा है, जो उचित नहीं है। परिपत्र में स्पष्ट किया गया है कि चिकित्सा प्रमाण-पत्र दस्तावेज का प्रतिपरीक्षण स्कूल के दस्तावेज से किया जाए। विवाह योग्य युवक-युवती के उम्र संबंधी दस्तावेज के लिए हाईस्कूल की अंक सूची, जन्म प्रमाण-पत्र, आँगनवाड़ी केन्द्र के रिकार्ड में दर्ज जन्म-तिथि, ग्राम पंचायत के चौकीदार अथवा पंचायत के रिकार्ड को मान्य किया जाए। परिपत्र में कहा है कि इन दस्तावेज के अभाव में ही मेडिकल चेकअप करवाकर चिकित्सा प्रमाण-पत्र को स्वीकार किया जाए।