भोपाल, जून 2015/ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा त्रुटिरहित परिशोधित और प्रमाणीकृत निर्वाचक नामावली तैयार करने के उद्देश्य से 3 मार्च से प्रारंभ राष्ट्रीय निर्वाचक नामावली परिशोधन एवं प्रमाणीकरण कार्यक्रम (नरपैप) के तहत प्रेसनोट जारी कर आधार संख्या के संबंध में निर्देश जारी किये है। इसके अनुसार निर्वाचको तथा निर्वाचन मशीनरी के बीच शंका को दूर करने के लिये आयोग ने सभी राज्यो और संघ शासित क्षेत्रो के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियो को आवश्यक अनुदेश जारी किये है कि निर्वाचको द्वारा आधार संख्या को प्रस्तुत करना अनिवार्य नहीं है और यह केवल वैकल्पिक है। जैसा कि मान0 उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्देशित किया गया है। भारत निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि आधार संख्या को प्रस्तुत नहीं करने के आधार पर किसी भी निर्वाचक को निर्वाचक सेवा से वंचित नही किया जायेगा। नये पंजीकरण के लिये आवेदन की अस्वीकृति या आपत्ति के लिये या विद्यमान निर्वाचक का निर्वाचक नामावली में से नाम हटाने के लिये आधार संख्या को प्रस्तुत नहीं किया जाना कोई आधार नही होगा। इसके अतिरिक्त मुख्य निर्वाचक पदाधिकारियो को यह स्पष्ट किया गया है कि आधार संख्या को एकत्र करना केवल निर्वाचक के विवरणो के प्रमाणीकरण के उद्देश्य के लिये है और इस प्रकार एकत्र किये गये डाटा की गोपनीयता और सुरक्षा निर्वाचक नामावली डाटाबेस में इस प्रकार की फीडिंग एवं सीडिंग की प्रक्रिया के दौरान सुनिश्चित की जानी चाहिये।