भोपाल 24 जुलाई। मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग कल्याण के प्रति राज्य सरकार का रूख सकारात्मक रहा है। पिछले आठ वर्ष में पिछड़ा वर्ग कल्याण की विभिन्न योजनाओं के लिए बजट राशि में निरंतर वृद्धि हुई है। इस दौरान बजट प्रावधान भी आठ गुना अधिक किया गया है। वर्ष 2004-05 में जहाँ योजनाओं का बजट 60 करोड़ 17 लाख 26 हजार रुपये था, वही वह वर्ष 2011-12 में आठ गुना से अधिक बढ़कर 525 करोड़ 48 लाख 35 हजार रुपये हो गया।

जिन योजनाओं के लिए बजट प्रावधान बढ़ाया गया उनमें राज्य छात्रवृत्ति के लिए वर्ष 2004-05 में बजट जहाँ 32 करोड़ 97 लाख 11 हजार रुपये था, वहीं वह बढ़कर 85 करोड़ 81 लाख 45 हजार रुपये हो गया। परिचय-पत्र के प्रदाय के लिए राशि पूर्व में 20 लाख रुपये, राज्य-स्तरीय परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र के लिए बजट 15 करोड़ 96 लाख से बढ़कर 85 करोड़ 9 लाख रुपये, स्व. रामजी महाजन स्मृति पुरस्कार के लिए 2 लाख से बढ़कर 60 लाख रुपये, पिछड़ा वर्ग आयोग के लिए 49 लाख 57 हजार से बढ़कर 119 लाख 95 हजार रुपये तथा आश्रम और छात्रावास के लिए 4 लाख 42 हजार से बढ़कर 103 लाख 50 हजार रुपये की गई राशि शामिल है।

इसके साथ ही सरकार द्वारा छात्र गृह योजना के लिए आठ साल में बजट राशि 10 लाख को बढ़ाकर 25 लाख रुपये, प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए 19 करोड़ 25 लाख से बढ़कर 328 करोड़ 59 लाख 31 हजार रुपये, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए राशि 2 करोड़ को बढ़ाकर 52 करोड़ रुपये, प्रावीण्य छात्रवृत्ति के लिए 22 हजार को बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया गया। पिछड़ा वर्ग के बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए क्रियान्वित गारंटी प्रशिक्षण योजना के लिए जहाँ आठ साल पहले कोई राशि नहीं थी, वहीं गत वर्ष उसे बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये किया गया।

इसी तरह पूर्व में उच्च शिक्षा के लिए विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति ही दी जाती थी, लेकिन वर्ष 2011-12 से इस योजना में डेढ़ करोड़ रुपये दिये जा रहे हैं। पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को दिये जाने वाले छात्रवृत्ति फार्मों के मुद्रण पर भी गत वर्ष से एक करोड़ 15 लाख रुपये व्यय किये जा रहे हैं। पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम को भी गत वर्ष से 20 लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। पिछड़ा वर्ग समुदायों के अनुसंधान एवं मूल्यांकन पर भी 10 लाख रुपये व्यय किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा पर शुरू हुई ‘‘मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग स्वरोजगार योजना’’ पर भी पिछले साल से सौ करोड़ की राशि बजट में रखी गई।

मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग व्यावसायिक प्रतिभा परीक्षा पुरस्कार योजना के लिए गत वर्ष से 10 लाख, जिला स्तरीय कन्या छात्रावासों की स्थापना के लिए 3 करोड़ 35 लाख, विद्यार्थी कल्याण योजना के लिए पूर्व में उपलब्ध राशि एक लाख 80 हजार को बढ़ाकर 11 लाख रुपये, संघ एवं राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं प्रोत्साहन के लिए 15 लाख की राशि के स्थान पर 80 लाख रुपये, जिला स्तरीय बालक छात्रावास भवन निर्माण के लिए राशि शून्य से बढ़ाकर 16 करोड़ 10 लाख रुपये, कन्या छात्रावासों के भवनों के निर्माण के लिए 8 करोड़ तथा अन्य छात्रावास भवनों के लिए पूर्व में उपलब्ध एक करोड़ की राशि में गत वर्ष से 10 लाख की वृद्धि की गई है।

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