भोपाल, अक्टूबर 2014/ निजी निवेशकों द्वारा अनसर्विस्ड विकास खण्डों में आई.टी.आई. स्थापित करने के लिए भवन निर्माण, उपकरण आदि पर किये गये पूँजीगत निवेश पर 3 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जायेगा। इसके साथ ही 50 प्रतिशत सीट के प्रशिक्षण शुल्क की प्रतिपूर्ति भी राज्य शासन द्वारा की जायेगी। सरकार के दृष्टि-पत्र 2018 में कौशल विकास का मिशन 6-10 लाख युवा को कौशल प्रशिक्षण देना है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास नीति 2012 में यह संशोधन किये गये हैं।
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने जानकारी दी है कि निजी आई.टी.आई. स्थापित करने के लिए 5 एकड़ शासकीय भूमि नि:शुल्क दी जायेगी। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण लागत के 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति भी शासन करेगा। कौशल विकास केन्द्र स्थाई रूप से किराये के भवन में संचालित होंगे।
प्रशिक्षणार्थियों को आवास सुविधा देने के संबंध में दो नवीन प्रावधान किये गये हैं। शासन द्वारा प्रायोजित छात्रावास में रहने वाले प्रशिक्षणार्थियों के लिए लॉजिंग शुल्क की प्रतिपूर्ति 1000 रुपये प्रतिमाह प्रति प्रशिक्षणार्थी की जायेगी। इसी तरह प्रायोजित प्रशिक्षणार्थियों के लिए छात्रावास के निर्माण के लिए कुल लागत के 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जायेगा।
स्किल ट्रेनिंग प्रदायकर्ता को 50 प्रतिशत प्रशिक्षणार्थियों को रोजगार में नियोजित करने पर 3000 रुपये प्रति प्रशिक्षणार्थी के मान से अतिरिक्त प्रोत्साहन राहत राशि दी जायेगी। कौशल विकास केन्द्रों के लिए उपकरणों के क्रय के लिए अनुदान की सीमा 2 लाख 50 हजार से बढ़ाकर उपकरणों की लागत का 25 प्रतिशत अथवा 10 लाख रुपये, जो भी कम हो, तक किया गया है। निजी कौशल विकास केन्द्र के संचालन के लिए शासकीय/ निजी शैक्षणिक संस्थाओं अथवा अन्य शासकीय भवन में कलेक्टर द्वारा निर्धारित किराये पर स्थान उपलब्ध करवाने के प्रयास किये जायेंगे।