संभागायुक्त श्री आर.के.माथुर ने सागर की तत्कालीन तहसीलदार एवं वर्तमान में कलेक्टर कार्यालय सागर में भू-अर्जन शाखा में पदस्थ तहसीलदार श्रीमती तृप्ति पटैरिया को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है। यह कार्रवाई श्रीमती पटेरिया द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर शासन एवं श्री देव ठाकुर बाबा मंदिर ट्रस्ट की भूमि को व्यक्ति विशेष के पक्ष में अवैध नामान्तरण आदेश पारित करने के कारण की गई है। निलंबन अवधि में श्रीमती पटेरिया का मुख्यालय अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय राहतगढ़ नियत किया गया है तथा उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री देव ठाकुर बाबा मंदिर ट्रस्ट के संबंध में 29 सितम्बर 2011 को कलेक्टर ने प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी को धर्मस्व विभाग के वर्तमान में प्रचलित नियमों के तहत कार्रवाही करने के लिये भेजा था।
अनुविभागीय अधिकारी ने प्रकरण तहसीलदार सागर को जांच के लिये भेजा, लेकिन तहसीलदार ने बिना कोई जांच किये केवल पटवारी से प्रतिवेदन लेकर उक्त भूमि का नामान्तरण व्यक्ति विशेष के नाम से कर दिया, जिसका तहसीलदार को अधिकार नहीं है। न्यायालय अपर आयुक्त ने ट्रस्ट के प्रबंधक एवं कलेक्टर का नाम पृथक करने का कोई आदेश नहीं दिया था जबकि तहसीलदार सागर ने अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर कलेक्टर प्रबंधक का नाम भी राजस्व रिकार्ड से विलोपित कर दिया। श्री देव ठाकुर बाबा के नाम से 100 वर्षो से अधिक अवधि से दर्ज भूमि को तहसीलदार ने अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर बिना कोई जांच किये अवैध तरीके से नामान्तरण का आदेश पारित किया। उन्होंने वरिष्ठ न्यायालय,कलेक्टर सागर एवं अनुविभागीय अधिकारी सागर/रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट के निर्देशों का भी पालन नहीं किया।
मंदिर श्री देव ठाकुर बाबा के नाम से दर्ज मौके की बेशकीमती भूमि का नामान्तरण कर श्रीमती पटैरिया ने अपने पद का दुरूपयोग किया जो न केवल अशोभनीय है बल्कि अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर अवैध एवं अनियमित कार्यवाही है। तहसीलदार द्वारा की गई शासन को हानि पहुंचाने वाली कार्यवाही को दृष्टिगत रखते हुए संभागायुक्त श्री माथुर ने शासन हित, जनहित व प्रशासकीय दृष्टि से श्रीमती तृप्ती पटैरिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।