भोपाल, फरवरी 2013/ मध्‍यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र राज्‍यपाल के अभिभाषण से शुरू हुआ। राज्‍यपाल ने अपने भाषण में कृषि विकास की दर 18 फीसद तक पहुंचने का उल्‍लेख किया। और बजाया कि आने वाले समय में सड़क, बिजली और सिंचाई पर सबसे ज्‍यादा ध्‍यान दिया जाएगा। मार्च तक पांच  हजार मेगावाट बिजली क्षमता बढ़ाने का लक्ष्‍य है। राज्यपाल अभिभाषण के दौरान विपक्षी सदस्यों की लगातार टोकाटोकी चलती रही। शोरशराबे से नाराज राज्यपाल ने विपक्षी सदस्यों को नसीहत दी कि वे भाषण शांति से सुनें।

सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए राज्‍यपाल ने कहा कि वर्ष 2012 का साल राज्य के समग्र विकास की दृष्टि से उल्लेखनीय रहा है। इस दौरान प्रदेश की विकास दर 12 फीसद रही। 2011-12 में कृषि विकास दर 18 प्रतिशत से ज्यादा रही है। केंद्र सरकार ने प्रदेश को खाद्यान्न् के रिकॉर्ड उत्पादन पर कृषि कर्मण अवार्ड से नवाजा। प्रदेश में समावेशी विकास हुआ है। महिला सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता का परिचय देते हुए हेल्प लाइन शुरू की गई है तो बालाघाट में नक्सल विरोधी कार्रवाई में बड़ी सफलता मिली है। राज्यपाल ने कहा कि  वर्ष 2012 के अग्रिम अनुमान के अनुसार राज्य की प्रति व्यक्ति आय पिछले साल की तुलना में प्रचलित दर पर 5 हजार 870 रुपए बढ़ी है। अब प्रति व्यक्ति आय 43 हजार 864 हो गई है। यह 2004-05 की तुलना में पौने तीन गुने से ज्यादा है। राज्य घ्ारेलू उत्पाद में भी स्थिर मूल्यों पर 96 फीसद की वृद्धि हुई है। पिछले पांच साल में आयोजना व्यय की वृद्धिदर 19.45 प्रतिशत रही है।

सरकार ने पिछले सालों में 29 से ज्यादा पंचायतें की हैं। इसमें प्रभावित वर्गों से सुझाव लेकर उनकी बेहतरी के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं। मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन जैसी अनूठी योजना भी वृद्धजन पंचायत से ही निकली। युवा पंचायत में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना ने आकार लिया तो किसान महापंचायत में किसानों के लिए कई सुझाव प्राप्त हुए।

90 हजार किमी सड़कों का जाल बिछाया

राज्यपाल ने कहा कि पिछले नौ साल में 90 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण और उन्न्यन किया गया है। पिछने साल करीब 9 हजार किमी सड़कों का विकास और विस्तार हुआ है।  पीपीपी मॉडल पर 25 राज्यमार्गों को पूरा किया गया। 150 किमी सड़कें निर्माण्ााधीन हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से प्रदेश की जरूरत पूरी न होने पर मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना लागू की गई। इसके तहत अब तक 1 हजार 943 किमी सड़क बनाई जा चुकी है। राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत और सुधार के लिए केन्द्र सरकार से आग्रह किया जा रहा है। ग्रामीण परिवहन सेवा के लिए 1 हजार 350 मार्गों का चिह्नांकन  किया गया है।

बिजली और पानी पहली प्राथमिकता

श्री यादव ने कहा सरकार का फोकस बिजली और पानी की जरूरतों को पूरा करने पर है। फिलहाल बिजली की उपलब्ध क्षमता 10 हजार 231 मेगावाट है। मार्च 2014 तक 4 हजार 963 मेगावाट वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। देश का सबसे बड़ा 130 मेगावाट का सोलर संयंत्र नीमच में स्थापित किया जा रहा है। लघु जल विद्युत, बायोमास, सौर और पवन ऊर्जा की विद्युत क्षमता को अगले साल 16 सौ मेगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। गांवों में 24 घंटे बिजली देने के लिए अटल ज्योति योजना लागू की जा चुकी है। फीडर सेपरेशन के माध्यम से किसानों को न्यूनतम आठ घंटे बिजली प्रदाय की व्यवस्था बनाई जा रही है। खेती को फायदे का धंधा बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। बोनस सहित गेहूं का समर्थन मूल्य 15 सौ रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है। बिजली के बिल साल में दो बार देने का निर्णय भी किया गया है। किसानों को खेती की उन्न्त तकनीकों का प्रयोग देखने के लिए विदेश भेजने की योजना भी बनाई गई है।

किसानों को मिलेगा 12 हजार करोड़ का कर्ज

राज्यपाल ने ऐलान किया कि सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को आगामी साल में 12 हजार करोड़ का कर्ज बिना ब्याज के दिया जाएगा। अभी तक 30 लाख किसानों को 8 हजार 700 करोड़ रुपए बतौर कर्ज दिए जा चुके हैं। किसानों के खातों में कैश ट्रांसफर शुरू कर दिया गया है। भंडारण के लिए नीति बनाई है और पशुपालन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। सिंचाई भी सात से बढ़ाकर 25 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाई जा चुकी है। मानवा क्षेत्र में पीने की पानी की समस्या के समाधान के लिए शिप्रा-नर्मदा जोड़ो योजना बनाई गई है। इसी तरह ग्रामीण विकास, महिला सशक्तीकरण, कुपोषण की रोकथाम, राजस्व प्रकरण के निराकरण का काम किया जा रहा है। इस साल 250 शहरों की विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी।

अपराधियों का कच्‍चा चिट्ठा तैयार होगा

सरकार ने तय किया है कि महिलाओं के विरुद्ध अपराध करने वालों का डाटाबेस बनाया जाएगा। महिलाओं की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई के लिए हेल्प लाइन 1090 स्थापित की जा चुकी है। युवाओं को स्वरोजगार की ओर आकर्षित करने के लिए स्वरोजगार योजना का तानाबाना बुना गया है। इसमें 25 लाख तक कर्ज दिलाया जाएगा। साथ ही पांच साल तक पांच फीसद ब्याज अनुदान भी सरकार देगी। युवा कान्टेक्टर योजना भी लागू की जा रही है। 10 साल में 40 हजार नए स्कूलों की स्थापना की गई तो कॉलेज और विश्वविद्यालय भी खोले गए हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 3 लाख 77 हजार करोड़ रुपए के 11 सौ से ज्यादा निवेश प्रस्ताव निष्पादित किए गए। इससे करीब 20 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। कौशल विकास के लिए 113 केंद्रों की स्थापना की जा चुकी है। प्रदेश में औद्योगिक अधोसंरचना के विस्तार तथा उन्न्यन के लिए 566 करोड़ की लागत से 14 परियोजनाएं स्वीकृत की गई है। गरीब बुजुर्गों को दो रुपए किलो में अनाज देने के साथ स्पर्श अभियान चलाया गया है। विशेष भर्ती अभियान में अब तक 33 हजार 293 पद भरे गए हैं। दवाओं के निशुल्क वितरण के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम से औषधि वितरण योजना लागू की गई है। आशा कार्यकर्ताओं से संवाद सुलभ बनाने के लिए मोबाइल सिम दी गई है।

कर्मचारियों को प्रोत्‍साहित करेंगे

प्रदेश के कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने के लिए नकद पुरस्कार दिया जाएगा। पूर्व मुख्य सचिव सुशीलचंद्र वर्मा के नाम से पुरस्कार की स्थापना की गई है। वेतन आयोग की अनुशंसा पर कर्मचारियों के भत्तों की दरें पुनरीक्षित की गई तो केंद्र के समान महंगाई भत्ता दिया गया है।

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