इंदौर, एजेंसीः मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के खजाने से करोड़ों रूपया उगलने का सिलसिला जारी है। उज्जैन के बाद अब इंदौर में पटवारी करोड़पति निकला है। पटवारी एल एन यादव के यहां लोकायुक्त के छापे में ढ़ाई करोड़ की संपत्ति का पता चला है।

 

पटवारी के यहां सुबह छह बजे लोकायुक्त की टीम ने दबिश दी थी। टीम का नेतृत्व डीएसपी जी डी शर्मा कर रहे थे। छापे की यह कार्रवाई इंदौर में अंबिकापुरी एक्सटेंशन और हातोद के ग्राम कांकरिया में एक साथ शुरू की गई। दस्तावेजों की जांच में जमीन और बीमा पॉलिसयों में निवेश के सबूत मिले है।

 

छापे की इस कार्रवाई में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए है। पिछले पांच साल से इंदौर के मांगलिया में पदस्थ यादव के यहां से लोकायुक्त की टीम को

 

  • करीब एक लाख 65 हजार नकद और दस लाख रूपए के जेवरात
  • बीमा पॉलिसियों में निवेश और बैंक खाते।
  • हातोद में 29 बीघा जमीन
  • इंदौर के अंबिकापुरी में मकान।
  • हातोद में दो मंजिला मकान।
  • दो डंपर और एक जेसीबी मशीन

मिले है। यादव पिछले 25 साल से नौकरी में है और उनका वेतन 15 से 18 हजार के बीच है।

 

यादव ने लोकायुक्त की कार्रवाई से बचने के लिए डंपर और जेसीबी अपने बेटे के नाम पर खरीदे थे और आरटीओ से इनका पंजीयन भी नहीं कराया था। हालांकि इतनी चतुराई दिखाने के बावजूद वह लोकायुक्त के छापे से बच नहीं सका। लगभग चार महीने की जांच के बाद लोकायुक्त ने आखिर में उस पर शिकंजा कस ही दिया।

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