भोपाल, फरवरी 2016/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अगले शैक्षणिक सत्र से अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को सरकारी कॉलेजों में कोई फीस नहीं देनी होगी। मुख्यमंत्री सतना जिले के मैहर में राज्य शासन द्वारा संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती पर आयोजित महाकुंभ और राज्य-स्तरीय जयंती समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। तकनीकी और मेडिकल कॉलेजों मे पढ़ने वाले विद्यार्थियों की फीस भी सरकार भरेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के चयनित स्थानों पर संत रविदास श्रद्धा केंद्र स्थापित होंगे। इन केन्द्र में संतजी के साहित्य को रखा जायेगा। मुख्यमंत्री ने दो पुरस्कार की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग के सफल उद्यमियों को 5 लाख रूपये का संत रविदास कर्मठ उद्यमी पुरस्कार दिया जायेगा। इसी तरह सभी वर्गों के लिये 2 लाख रूपये का सामाजिक समरसता पुरस्कार प्रारंभ करने की भी उन्होंने घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास की जयंती पर राज्य शासन द्वारा हर वर्ष महाकुम्भ का आयोजन किया जायेगा। प्रसिद्ध शारदा माता मंदिर की पहाड़ी के समीप संत रविदास आश्रम में संत रविदास जी का भव्य मंदिर बनाया जायेगा और भक्त श्रद्धालुओं के लिये सर्वसुविधायुक्त सामुदायिक भवन आश्रय केन्द्र बनाया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि निराश, दलित और पीड़ित वर्ग में नव-जीवन, आशा और उत्साह भरने वाले संतों में, संत शिरोमणि रविदास अग्रणी हैं। उनकी शिक्षाएँ दिशाहीन मानव को उचित मार्ग बताने की पूरी सामर्थ्य रखती है। वे जाति-पांति, ऊँच-नीच की संकीर्ण विचारधारा को त्यागने के लिये समाज को प्रेरित करने वाले महान संत थे।
मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण की शासकीय की योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आगामी शिक्षण सत्र से अनुसूचित-जाति के छात्र-छात्राओं को प्रदेश के सभी शासकीय कॉलेजों में निःशुल्क शिक्षा दी जायेगी। उनसे शिक्षण शुल्क नहीं लिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास ने कहा था कि सभी व्यक्तियों को अन्न मिलना चाहिये और बिना किसी भेदभाव के सामाजिक समरसता स्थापित होनी चाहिये। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का भी यही मत था। मध्यप्रदेश सरकार ने दोनों महापुरूषों की शिक्षाओं को अमल में लाने का पूरा प्रयास किया है। प्रदेश में सभी गरीबों और अनुसूचित जाति-जनजाति के सभी परिवारों को एक रूपया किलो गेहूँ, चावल एवं नमक राशन दुकान से दिया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबी रेखा के नीचे की सूची में नाम शामिल करवाने से छूट गये गरीब परिवारों एवं व्यक्तियों के नाम मैहर में अभियान चला कर शामिल किये गये थे। मैहर माडल को पूरे प्रदेश में लागू किया जायेगा। उन्होंने कहा जो गरीब परिवार जिस शासकीय भूमि में कई वर्षों से अस्थायी आवास बना कर रह रहा है उसे उस जमीन का आवासीय पट्टा दिया जायेगा। इतना ही नहीं उन्हें स्वयं का मकान बनाने के लिये सरकार मदद देगी। सन् 2022 तक कोई भी गरीब बिना मकान के नहीं रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिये हर सम्भाग में ज्ञानोदय विद्यालय खोले जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को बिना किसी चिंता के पढ़ायें। अध्ययन तथा व्यवसाय, उद्योग स्थापना में राज्य सरकार की योजनाएँ सहयोग प्रदान करेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास के जन्म-स्थल बनारस को राज्य शासन ने मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में शामिल कर लिया था। अब विशेष ट्रेन बनारस भेजी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैहर को मिनी स्मार्ट सिटी के लिये प्रथम चरण मे 25 करोड़ रूपये दिये जा रहे हैं। नगर पालिका क्षेत्र में सीवरेज निर्माण के लिये 42 करोड रूपये दिये जायेंगें। नगर की जल आवर्धन योजना में 35 करोड़ रूपये दिये जायेंगे। मैहर क्षेत्र में बाणसागर का पानी सिंचाई के लिये दो बार लिफ्ट कर लाया जायेगा। सिंचाई के लिये बरगी जलाशय का पानी भी लाया जायेगा। प्रत्येक ग्राम की बुनियादी समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता से किया जायेगा। अधिक राशि के बिजली बिलों की शिकायतों के निराकरण के लिये शिविर लगाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि गरीबों के मकान बनाने के लिये 50 करोड़ दिये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूरे प्रदेश में पेयजल आपूर्ति के लिये युद्ध-स्तर पर कार्य करेगी। हैण्डपम्प से पानी निकालने आवश्यकतानुसार मोटर लगाई जायेगी। यदि फिर भी पेयजल आपूर्ति सुलभ नहीं होती है तो परिवहन द्वारा पेयजल उपलब्ध करवाया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने सामाजिक समरसता लाने के साथ मैहर, सतना तथा प्रदेश का सर्वांगीण विकास कर उसे नम्बर एक बनाने का संकल्प दिलाया। उन्होंने हर घर में शौचालय निर्माण का संकल्प भी दिलाया।
आदिम-जाति एवं अनुसूचित-जाति कल्याण मंत्री ज्ञान सिंह ने महाकुंभ के आयोजन को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने अनुसूचित जाति के साथ ही समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति के हित के लिये मुख्यमंत्री द्वारा किये जा रहे कार्यो की चर्चा की।
सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री लालसिंह आर्य ने दलित समाज के साथ इस वर्ग के महापुरूषों को सम्मान दिलाने के कार्यों के लिये मुख्यमंत्री को साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि अब समाज में इस वर्ग के व्यक्ति को बराबरी का दर्जा मिल रहा है। बाबा साहब अम्बेडकर की जन्म-स्थली महू में प्रतिवर्ष 14 अप्रैल को महाकुंभ आयोजन के लिये भी उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया।
सांसद श्री गणेश सिंह ने कहा कि प्रदेश में समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति को समानता का हक दिलाने के लिये हरसंभव कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने महाकुंभ को सामाजिक समरसता का अनुपम उदाहरण बताया। अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश खटीक, आयोग के उपाध्यक्ष श्री भुजबल सिंह अहिरवार, सांसद श्री मनोहर ऊँटवाल, विधायक श्री प्रदीप लारिया और श्री नारायण प्रसाद त्रिपाठी ने भी संबोधित किया।
मुख्यमंत्री ने संत रविदास मंदिर के साधु-संतों पर पुष्प-वर्षा की। मुख्यमंत्री ने जनसंपर्क मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री लालसिंह आर्य सहित मंत्री मण्डल के सहयोगियों के साथ संतों का सम्मान किया।