भोपाल, अगस्त 2014/ महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने पश्चातवर्ती बालिका संरक्षण गृह के निरीक्षण के दौरान अधीक्षक के विरुद्ध गंभीर शिकायत प्राप्त होने पर उन्हें तत्काल हटाने के निर्देश दिये हैं। श्रीमती सिंह ने जिला परियोजना कार्यालय की अव्यवस्थाओं पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए परियोजना अधिकारी और एक कर्मचारी को शो-कॉज नोटिस देने को कहा। श्रीमती सिंह ने बाल सम्प्रेक्षण गृह, मातृछाया और पश्चातवर्ती बालिका संरक्षण गृह का औचक निरीक्षण किया।
श्रीमती सिंह जब अरेरा कॉलोनी स्थित पश्चातवर्ती बालिका संरक्षण गृह पहुँची, तो बालिकाओं ने अधीक्षिका श्रीमती नादिरा कुरैशी के खिलाफ गंभीर शिकायतें की। अधीक्षिका उन्हें प्रोत्साहित करने की जगह हतोत्साहित करती हैं और उन पर झूठे आरोप लगाती हैं। कई मामलों में धमकी भी देती हैं। श्रीमती सिंह ने बालिकाओं की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से श्रीमती कुरैशी को अधीक्षिका पद से हटाने के निर्देश दिये।
महिला-बाल विकास मंत्री ने जिला परियोजना कार्यालय के निरीक्षण के दौरान वहाँ व्याप्त अव्यवस्थाओं पर नाराजगी व्यक्त की। फाइलों, दस्तावेजों की अस्त-व्यस्तता और खुले में गेहूँ पड़ा देखकर मंत्री ने फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्यालय में इस तरह की अव्यवस्था को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने परियोजना अधिकारी श्रीमती नंदिता मित्रा और बाबू मन्छोर तिवारी को शो-कॉज नोटिस देने और एक सप्ताह में सारी व्यवस्थाओं में सुधार लाकर रिपोर्ट देने के निर्देश दिये।
श्रीमती सिंह ने जहाँगीराबाद के सी.आई. कॉलोनी में स्थित बाल सम्प्रेक्षण गृह का भी निरीक्षण किया। उन्होंने गृह की व्यवस्थाओं को संतोषप्रद पाया। श्रीमती सिंह ने गृह में बच्चों से भी बातचीत की। गृहवासी स्कूल शिक्षा में अध्ययनरत बालकों की पढ़ाई में व्यवधान न हो, इस दृष्टि से उनके मामलों को देखने को कहा।
श्रीमती सिंह ने मैदा मिल स्थित मातृछाया का भी निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि नवजात शिशुओं को गोद लेने की प्रक्रिया लम्बी होने से दो-ढाई साल तक का समय लग जाता है। श्रीमती सिंह ने ऐसे मामलों का तत्काल निराकरण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में विधि मंत्री से भी चर्चा करेंगी।